नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत दैनिक मजदूरी को 400 रुपये करने की मांग की है।
खरगे ने कहा कि करीब 7 करोड़ पंजीकृत मजदूरों को मनरेगा से आधार आधारित भुगतान की शर्त लगा कर बाहर करना हो या फिर 10 सालों में मनरेगा बजट का पूरे बजट के हिस्से में सबसे कम आवंटन करना हो, मोदी सरकार ने मनरेगा पर लगातार चोट मारने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मनरेगा हमारे देश के सबसे गरीब परिवारों के लिए कांग्रेस द्वारा लाया रोज़गार की गारंटी का अधिकार है। इसलिए हम अपनी दो मांगों पर अडिग हैं। पहला- मनरेगा श्रमिकों के लिए रोज़ाना 400 रुपये की न्यूनतम मजदूरी तय की जाए। दूसरा- साल में कम से कम 150 दिन का काम मिले। ग्रामीण विकास संबंधी संसद की स्थायी समिति की अनुंशसाओं का उल्लेख करते हुए आज यहां एक बयान में कहा कि इस समिति ने भी मनरेगा मजदूरों की दैनिक मजदूरी 400 रुपये करने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि 2023 में बनी अमरजीत सिन्हा की उच्चस्तरीय समिति ने भी मजदूरी बढ़ाने और मनरेगा का बजट बढ़ाने का सुझाव दिया था। इसके बावजूद केंद्र की मोदी सरकार मनरेगा मजदूरों के मुद्दे पर गंभीर नहीं दिख रही है। ऐसा लगता है कि सरकार ने मनरेगा की मजदूरी बढ़ाने से इनकार कर दिया है।