रांची : भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह के आरोप न केवल तथ्यहीन हैं, बल्कि झारखंड की मेहनतकश जनता का अपमान भी है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड सरकार ने पिछले साढ़े पांच वर्षों में विकास और सामाजिक न्याय के नए आयाम गढ़े हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, सिंचाई, पेयजल, युवाओं के लिए रोजगार योजनाएं – हर क्षेत्र में ठोस कदम उठाए गए हैं। आज़ादी के बाद पहली बार आदिवासी-ग्रामीण समाज को केंद्र में रखकर योजनाएं लागू हो रही हैं, जो भाजपा को पच नहीं रही। विनोद पांडेय ने कहा कि अरुण सिंह जिस “जंगलराज” की बात कर रहे हैं, दरअसल वह भाजपा के 19 वर्षों के शासन का विरासत था। हमारी सरकार ने कानून व्यवस्था मजबूत की, उग्रवाद पर निर्णायक प्रहार किया और निवेश के लिए सुरक्षित माहौल तैयार किया। आतंकवादियों का “सेफ जोन” बताना राज्य की पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों का मनोबल तोड़ने की साजिश है। सूर्या हांसदा एनकाउंटर की जांच चल रही है, लेकिन भाजपा द्वारा सूर्या मामले को राजनीतिक लाभ के लिए भुनाना दुर्भावनापूर्ण है। विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा यूरिया और जल जीवन मिशन जैसे केंद्रीय योजनाओं का हवाला देकर जनता को गुमराह कर रही है, जबकि सच्चाई यह है कि केंद्र से समय पर झारखंड की हेमंत सरकार को संसाधन नहीं मिलते और राज्यों की हिस्सेदारी में लगातार कटौती की जा रही है। जनता के अपार समर्थन से बनी सरकार के खिलाफ सौतेला व्यवहार सीधे तौर पर जनादेश का अपमान है। रोजगार, किसान सम्मान, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए “मंईयां सम्मान योजना”, “सावित्री बाई फुले प्रोत्साहन”, सर्वजन पेंशन सहित फेलोशिप जैसी योजनाओं ने हजारों परिवारों को संबल दिया है और आर्थिक सामाजिक बदलाव में अहम भूमिका निभा रही है। विनोद पांडेय ने भाजपा नेताओं को सलाह दिया है कि वे झूठी बयानबाजी छोड़ राज्य के वास्तविक विकास आंकड़ों को देखें। हेमंत सरकार ईमानदारी, पारदर्शिता और जनकल्याण की नीतियों से झारखंड को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। जनता सच्चाई जानती है और 2024 के लोकसभा व 2025 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को बार-बार जवाब दे चुकी है। लेकिन, भाजपा की आंखें नहीं खुल रही हैं। प्रदेश नेताओं को राज्य में राजनीतिक करनी नहीं आ रही है तो एक बार फिर बाहर से नेताओं को लाकर अनाप सनाप बकवास कराया जा रहा है। चुनाव के दौरान भाजपा को अपनी ऐसी हरकत का जनता से करार जवाब मिल चुका है। हैरानी की बात यह है कि भाजपा की समझ में यह बात क्यों नहीं आ रही है कि माननीय हेमंत सोरेन के नेतृत्व में अब झारखंड अपने स्वर्णिम सफर पर निकल चुका है।