नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री कौशल और रोजगार परिवर्तन (पीएम-सेतु) योजना की शुरुआत की, जिसके तहत 60 हजार करोड़ रुपये के निवेश से देशभर के 1,000 आईटीआई को हब-एंड-स्पोक मॉडल पर अपग्रेड किया जाएगा। इस मॉडल में 200 हब आईटीआई और 800 स्पोक आईटीआई शामिल होंगे। इनके माध्यम से आधुनिक बुनियादी ढांचा, डिजिटल लर्निंग सिस्टम और इनक्यूबेशन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। मोदी ने कहा, “पीएम-सेतु भारत के युवाओं को विश्व की स्किल डिमांड से जोड़ेगा।” उन्होंने बताया कि वर्तमान में देश के आईटीआई में 170 ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जा रहा है और पिछले 11 वर्षों में डेढ़ करोड़ से अधिक युवाओं को स्किल ट्रेनिंग मिल चुकी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 तक देश में 10,000 आईटीआई थीं, जबकि पिछले एक दशक में 5,000 और स्थापित की गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में बिहार का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि बिहार की युवा आबादी देश की शक्ति है। उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं का सामर्थ्य बढ़ता है तो भारत की ताकत भी बढ़ती है। मोदी ने याद दिलाया कि दो दशक पहले बिहार की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी- न स्कूल खुलते थे, न भर्तियां होती थीं। इसी कारण मजबूरी में लाखों बच्चों को बनारस, दिल्ली और मुंबई पलायन करना पड़ा। उन्होंने कहा कि आरजेडी के कुशासन ने बिहार की जड़ों में कीड़ा लगा दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने उन बिगड़ी व्यवस्थाओं को फिर से पटरी पर लाया। आज बिहार में शिक्षा बजट कई गुना बढ़ा है, हर गांव में स्कूल खुल चुके हैं और पिछले दो वर्षों में ढाई लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि कि अब हमारा लक्ष्य है कि बिहार का युवा बिहार में ही रोजगार पाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को 62 हजार करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न युवा-केंद्रित योजनाओं का शुभारंभ करते हुए कहा कि एनडीए सरकार का संकल्प है कि अब बिहार का युवा अपने ही राज्य में सम्मानजनक रोजगार पाएगा और पलायन का दौर समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि कभी शिक्षा और रोजगार के अभाव में लाखों युवाओं को बिहार छोड़कर दूसरे राज्यों की ओर जाना पड़ा था लेकिन आज राज्य विकास के नए युग में प्रवेश कर चुका है।
प्रधानमंत्री ने यह बातें यहां विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय कौशल दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। इस अवसर पर उन्होंने देशभर के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के 46 टॉपर छात्रों को सम्मानित किया। मोदी ने कहा कि यह समारोह भारत में कौशल विकास को नई प्रतिष्ठा देने का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने बिहार के लिए कई नई योजनाओं और परियोजनाओं का शुभारंभ किया, जिनमें मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना और बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना शामिल हैं। इन योजनाओं के तहत हर साल पांच लाख स्नातक युवाओं को दो साल तक एक हजार मासिक भत्ता और मुफ्त कौशल प्रशिक्षण मिलेगा, जबकि क्रेडिट कार्ड योजना में छात्रों को 4 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त शिक्षा ऋण प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने बिहार युवा आयोग और जन नायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय का भी उद्घाटन किया। विश्वविद्यालय उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रमों के माध्यम से वैश्विक स्तर का कुशल कार्यबल तैयार करेगा। उन्होंने पीएम-उषा (प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान) के तहत बिहार के चार विश्वविद्यालयों- पटना विश्वविद्यालय, भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय (मधेपुरा), जयप्रकाश विश्वविद्यालय (छपरा) और नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय (पटना)- में नई शैक्षणिक और अनुसंधान सुविधाओं की आधारशिला भी रखी।