रांची : झारखण्ड स्टेट लाईवलीहुड प्रोमोशन सोसाईटी (जेएसएलपीएस) एवं नाबार्ड के संयुक्त प्रयास से रांची स्थित स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट में ‘अबुआ आजीविका संवाद कार्यक्रम’ में झारखण्ड एवं अन्य राज्यों से आई महिला उद्यमियों से किया संवाद किया । कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न जिलों से आई ग्रामीण महिला उद्यमियों से संवाद स्थापित कर उनकी उपलब्धियों, चुनौतियों और अपेक्षाओं को समझना है । मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह ने कहा कि ग्रामीण महिलाएं आज आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही हैं। उन्होंने कहा, “पलाश मार्ट की सफलता के बाद अब सरकार ‘पलाश हाट’ की अवधारणा पर काम कर रही है, ताकि महिला उद्यमियों को बड़े बाजार तक पहुंच मिल सके।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार अवसंरचना, विपणन और बैंकिंग सुविधाओं में सुधार के लिए ठोस कदम उठाएगी।
ग्रामीण विकास सचिव के. श्रीनिवासन ने बताया कि स्व-सहायता समूहों (SHGs) के माध्यम से महिलाएं संगठित होकर वित्तीय अनुशासन और उद्यमिता दोनों को मजबूत कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही रांची में ‘पलाश मॉल’ की स्थापना की जाएगी, जहां ‘पलाश’ ब्रांड के सभी उत्पाद एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगे। आगे चलकर सभी जिला मुख्यालयों में भी इसी तरह के मॉल खोलने की योजना है। नाबार्ड की सीजीएम दीपमाला घोष ने कहा कि संगठन ग्रामीण महिलाओं को एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) और रूरल मार्ट्स के माध्यम से बाजार से जोड़ने का प्रयास कर रहा है। वहीं जेएसएलपीएस के सीईओ अनन्य मित्तल ने बताया कि इस वर्ष ‘पलाश’ और ‘अदिवा’ ब्रांड्स के फीडबैक मैकेनिज्म को सशक्त बनाया जा रहा है, जिससे सप्लाई चेन मजबूत होगी और महिलाओं की आय में बढ़ोतरी होगी।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास विभाग के सचिव के. श्रीनिवासन, अनन्य मित्तल, सीईओ जेएसएलपीएस, एवं दीपमाला घोष, सीजीएम नाबार्ड उपस्थित रहीं।स्थित स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट में ‘अबुआ आजीविका संवाद कार्यक्रम’ का सफल आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह ने की। इस अवसर पर ग्रामीण विकास विभाग के सचिव के. श्रीनिवासन, अनन्य मित्तल, सीईओ जेएसएलपीएस, एवं दीपमाला घोष, सीजीएम नाबार्ड उपस्थित रहीं।