सारंडा में नहीं होगा खनन, सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली / रांची : सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए देश के सभी राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के एक किलोमीटर के दायरे में किसी भी तरह की खनन गतिविधि पर रोक लगा दी है। अब यह नियम पूरे देश में लागू होगा। पहले यह प्रतिबंध केवल गोवा राज्य के लिए था, लेकिन अब अदालत ने इसे पूरे भारत में लागू करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि खनन से वन्यजीवों को गंभीर खतरा होता है, इसलिए यह कदम जरूरी है। यह फैसला मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने टी.एन. गोडावरमन थिरुमलपद केस की सुनवाई के दौरान दिया। अदालत ने अपने पुराने 3 जून 2022 के आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि अब से किसी भी राष्ट्रीय उद्यान या अभयारण्य के अंदर या उसके 1 किलोमीटर के दायरे में खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह आदेश झारखंड के सारंडा वन क्षेत्र को भी प्रभावित करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि सारंडा क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया जाए। साथ ही अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों और वनवासियों के अधिकार वन अधिकार अधिनियम के तहत सुरक्षित रहेंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि स्कूल, रेल लाइनें, अस्पताल और अन्य सार्वजनिक संस्थान इस क्षेत्र में यथावत रहेंगे और उन पर कोई रोक नहीं होगी, लेकिन खनन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

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