एचआईवी-एड्स का मालदह जिले में बढ़ता खतरा

मालदह। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, मालदह के कई गांवों में काला ज्वर से कई लोगों की मौत हुई है। इनमें से बड़ी संख्या में मरीज एचआईवी पॉजिटिव पाए गए। यही नहीं, टीबी से पीड़ित कई मरीजों में भी एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई है। टीबी से होने वाली मौतें अब भी जिले में जारी हैं, जिससे विभाग की चिंता और भी बढ़ गयी है। सोमवार को जिले के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि एचआईवी रोकथाम के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। इसके लिए चिकित्सकों की विशेष टीम बनाई गई है। गर्भवती महिलाओं में एचआईवी संक्रमण की पहचान होने पर उनके लिए विशेष देखभाल और निगरानी की व्यवस्था की जाएगी। बच्चों के लिए भी अलग उपचार योजना तैयार की गई है ताकि संक्रमण आगे न फैले। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि संवेदनशील क्षेत्रों में सख्त निगरानी बढ़ाई जा रही है। संक्रमण रोकथाम को ध्यान में रखते हुए लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन, नगर पालिका और पंचायतों के साथ मिलकर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक टैब्लो भी तैयार किया गया है, जो विभिन्न क्षेत्रों में घूमकर लोगों को जानकारी दे रहा है। अंत में अधिकारी ने कहा कि हमारा लक्ष्य केवल मरीजों को उपचार देना नहीं, बल्कि आने वाले समय में एक एड्स-मुक्त समाज का निर्माण करना है। मालदह जिले में एचआईवी पॉजिटिव और एड्स से पीड़ित लोगों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में जिले में तीन हजार 100 संक्रमित मरीज दर्ज किए गए हैं। इनमें 300 नाबालिग शामिल हैं, जिनकी उम्र 15 वर्ष से कम है। जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुदीप्त भादुड़ी ने इस स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।

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