नई दिल्ली, । दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शनिवार को शाम 4 बजे 372 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। ठंडी हवाओं की कमी, तापमान में गिरावट और हवा की धीमी रफ्तार के कारण प्रदूषक कण जमीन के पास जमा हो रहे हैं, जिससे हवा और अधिक जहरीली हो रही है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई 400 तक पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी है। सबसे गंभीर स्थिति चांदनी चौक में दर्ज की गई, जहां औसत एक्यूआई 450 पाया गया। बवाना भी प्रदूषण से बेहाल रहा, जहां औसत एक्यूआई 415 दर्ज किया गया। आनंद विहार में शाम 4 बजे तक औसत एक्यूआई 408 रिकार्ड किया गया। पंजाबी बाग में औसत एक्यूआई 392, आईटीओ में एक्यूआई 379, शादीपुर में एक्यूआई 374, द्वारका सेक्टर-8 में 356 और दिलशाद गार्डन में 342 दर्ज किया गया।
दिल्ली से सटे एनसीआर के शहर भी वायु प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित रहे। गाजियाबाद का औसत एक्यूआई 361, ग्रेटर नोएडा 378, हापुड़ 379, बहादुरगढ़ 306 और चरखी दादरी 305 दर्ज किया गया। इन सभी शहरों में हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ स्तर पर रही है।
सीपीसीबी के मानदंडों के अनुसार, एक्यूआई 0 से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में कुल वायु प्रदूषण में वाहनों की हिस्सेदारी 20.45 फीसदी है। पराली जलाने से 1.97 फीसदी, निर्माण एवं ध्वंस गतिविधियों से 3.10 फीसदी और आवासीय क्षेत्रों से 5.30 फीसदी तक का योगदान होता है।
