मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन में विकसित भारत के लिए मानव पूंजी पर विशेष फोकस

रांची : देश की राजधानी नई दिल्ली में 26 से 28 दिसंबर तक आयोजित तीन दिवसीय मुख्य सचिवों के पांचवें राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन सम्मेलन का केंद्रीय विषय “विकसित भारत के लिए मानव पूंजी” रहा, जिसके अंतर्गत देश के समग्र और सतत विकास के लिए मानव संसाधनों को सशक्त बनाने पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया।

सम्मेलन में विशेष रूप से पांच प्रमुख क्षेत्रों प्रारंभिक शिक्षा, स्कूली शिक्षा, कौशल विकास, उच्च शिक्षा तथा खेल एवं सह-पाठ्य गतिविधियों पर केंद्रित चर्चा हुई। इन क्षेत्रों को भारत के भविष्य की सशक्त नींव के रूप में रेखांकित किया गया।

इस राष्ट्रीय सम्मेलन में झारखंड सरकार की ओर से मुख्य सचिव अविनाश कुमार, परिवहन विभाग के सचिव कृपानंद झा, योजना एवं विकास विभाग के सचिव मुकेश कुमार, विशेष सचिव राजीव रंजन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी सक्रिय रूप से सहभागिता कर रहे हैं।

सम्मेलन के दौरान विभिन्न राज्यों द्वारा मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में अपनाए गए नवाचारों और प्रभावी पहलों को साझा किया गया। ’’झारखंड सरकार द्वारा शून्य से तीन वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के समग्र विकास हेतु किए जा रहे प्रयासों को विशेष रूप से प्रस्तुत किया गया। राज्य में लागू मदर-चाइल्ड प्रोटेक्शन फ्लिपबुक के माध्यम से माता-पिता एवं देखभालकर्ताओं को बच्चों की देखभाल, पोषण और प्रारंभिक सीख से जुड़ी सरल, एकरूप एवं व्यवहारिक जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर स्वास्थ्य, पोषण और प्रारंभिक बाल विकास से संबंधित सेवाएं तथा जागरूकता सुनिश्चित कर रही हैं। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में भी झारखंड सरकार द्वारा प्रभावी पहल की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप राज्य का टीचर प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम शिक्षकों की आवश्यकताओं पर आधारित निरंतर प्रशिक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ करता है।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक छह माह में टीचर नीड्स असेसमेंट किया जाता है, जिसके आधार पर शिक्षकों को लक्षित एवं व्यक्तिगत प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। अप्रैल 2024 में आयोजित इसके प्रथम चरण में 1,10,094 पंजीकृत शिक्षकों में से 99.26 प्रतिशत की भागीदारी इस पहल की व्यापक स्वीकार्यता और प्रभावशीलता को दर्शाती है।

मुख्य सचिवों का यह राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग को मजबूत करते हुए नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन तथा विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण और निर्णायक कदम सिद्ध हो रहा है।

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