रांची : झारखंड हाई कोर्ट में राजधानी सहित राज्य में मीट शॉप विक्रेताओं द्वारा दुकान के बाहर कटे हुए बकरा एवं मुर्गियों को खुले में प्रदर्शित किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई मंगलवार को हुई। मामले में कोर्ट ने मौखिक कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन चिकन एवं मीट दुकान संचालक नहीं कर रहे हैं। ये विक्रेता काले शीशे का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। कई मीट शॉप विक्रेता बिना लाइसेंस के ही अपनी दुकान चला रहे हैं।
कोर्ट ने रांची नगर निगम प्रशासक को निर्देश दिया कि बहुबाजार, डोरंडा, एचईसी सेक्टर दो आदि इलाके में चल रहे चिकन एवं मीट्स शॉप विक्रेताओं के लाइसेंस का निरीक्षण करें। यह भी देखें कि वह लाइसेंस के टर्म एंड कंडीशन को पूरा कर रहे हैं या नहीं। इसके अलावा वे फूड सेफ्टी का भी ध्यान रख रहे हैं या नहीं।
कोर्ट ने रांची एसएसपी को भी निर्देश दिया कि वह भी वैसे थाना क्षेत्रों के थाना प्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई करें, जिनके इलाके में दुकानदार खुले में मांस और चिकन का प्रदर्शन कर रहे हैं। कोर्ट ने रांची एसएसपी एवं रांची नगर निगम प्रशासक को मांस विक्रेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता जयप्रकाश एवं अधिवक्ता योगेश मोदी ने पक्ष रखा।
इससे पूर्व प्रार्थी के अधिवक्ता शुभम कटारुका ने कोर्ट को बताया कि रांची के डोरंडा, बहुबाजार, पंडरा आदि क्षेत्र में मीट एवं चिकन दुकान संचालक खुले में मीट का प्रदर्शन अभी भी कर रहे हैं। याचिकाकर्ता श्यामानंद पांडे की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि रांची शहर सहित राज्य में मीट विक्रेता बाहर खुले में कटे हुए बकरा एवं मुर्गियों को प्रदर्शित करते हैं। यह एफआईसीसीआई के रूल एंड रेगुलेशन के खिलाफ है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट एवं विभिन्न हाई कोर्ट के गाइडलाइन के विपरीत है।