नौशेरा। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आतंकवाद पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी हों या कोई पत्थरबाज, उससे कड़ाई से निपटेंगे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खत्म होने तक पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं होगी।
अमित शाह ने रविवार को जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविंदर रैना के समर्थन में नौशेरा में एक चुनावी जनसभा में कहा कि वह प्रदेश के युवाओं से बात करना चाहेंगे, जिन्हें उन्होंने शेर कहा। उन्होंने कहा कि एनसी-कांग्रेस गठबंधन पत्थरबाजों और आतंकियों को रिहा करना चाहता है जैसा कि उनके घोषणापत्र में वादा किया है पर हम ऐसा होने नहीं देंगे। फारूक अब्दुल्ला जम्मू की पहाड़ियों में आतंकवाद के फिर से पनपने की बात कर रहे हैं लेकिन वे उन्हें बताना चाहते हैं कि यह मोदी सरकार है और हम आतंकवाद को पाताल में दफना देंगे। किसी भी आतंकी या पत्थरबाज को रिहा नहीं किया जाएगा।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि एनसी और कांग्रेस पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए जोर दे रहे हैं। वे फारूक अब्दुल्ला और राहुल गांधी से कहना चाहते हैं कि जब तक आतंकवाद का सफाया नहीं हो जाता तब तक पाकिस्तान के साथ कोई वार्ता नहीं होगी। शाह ने कहा कि वे अपने शेरों (जम्मू-कश्मीर के युवाओं) से बात करेंगे, पाकिस्तान से नहीं। सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा वर्षों से बनाए गए भूमिगत बंकरों का जिक्र करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि ऐसे ढांचे की कोई जरूरत नहीं होगी क्योंकि सीमा पार से किसी के पास गोली चलाने की ताकत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर वे गोली चलाते हैं तो हम गोले से जवाब देंगे।
शाह ने आरक्षण पर एनसी-कांग्रेस नेताओं की टिप्पणी की भी आलोचना की और कहा कि पहाड़ी, गुज्जर, दलित, अन्य पिछड़े वर्गों सहित वंचित वर्गों को दिए जाने वाले आरक्षण को किसी को भी छूने की इजाजत नहीं दी जाएगी। राहुल गांधी अमेरिका में कह रहे हैं कि आरक्षण की कोई जरूरत नहीं है। वे उनसे कहना चाहते हैं कि आपको योग्य समुदायों के लिए आरक्षण खत्म करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।