कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस की ओर से मंंगलवार को आधिकारिक रूप से ‘एक्स’ हैंडल पर जानकारी साझा की गई कि पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने स्वयं अभिषेक बनर्जी का नाम इस प्रतिनिधिमंडल के लिए प्रस्तावित किया है। तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि मंगलवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने ममता बनर्जी को फोन कर तृणमूल के प्रतिनिधित्व को लेकर चर्चा की। दरअसल, पहले चरण में तृणमूल से केवल बहरमपुर के सांसद यूसुफ पठान को प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया था, जिससे ममता बनर्जी असंतुष्ट थीं। उनका सवाल था कि तृणमूल जैसे प्रमुख दल की ओर से प्रतिनिधित्व किसे करना है, इस पर केंद्र सरकार ने कोई विचार-विमर्श क्यों नहीं किया? आतंकवाद के विरुद्ध भारत द्वारा वैश्विक मंच पर शुरू की गई मुहिम में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी को शामिल किया गया है। केंद्र सरकार की ओर से भेजे जा रहे संसदीय प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की सफलता को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रचारित करना और पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को दिए जा रहे समर्थन की पोल खोलना है।
बातचीत के बाद ममता बनर्जी ने केंद्रीय मंत्री को सूचित किया कि तृणमूल की ओर से देश, राज्य और अंतरराष्ट्रीय मामलों की बेहतर समझ रखने वाले युवा नेता अभिषेक बनर्जी इस अभियान का प्रतिनिधित्व करेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यूसुफ पठान की तुलना में अभिषेक बनर्जी का अनुभव और राजनीतिक समझ अधिक व्यापक है। वह न केवल पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी हैं बल्कि विदेश नीति और रणनीतिक मामलों की भी गहरी जानकारी रखते हैं। इसलिए उन्हें टीम में शामिल करना एक रणनीतिक निर्णय माना जा रहा है। केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर समर्थन जुटाने के लिए 7 अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल टीमों का गठन किया है, जिनमें विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। यह कदम ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की पृष्ठभूमि में उठाया गया है, जिसने हाल ही में सीमा पार आतंकी ठिकानों पर सफलता प्राप्त की है। भारत की यह कूटनीतिक पहल वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थक चेहरे को बेनकाब करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।