प्रधानमंत्री मोदी नेशन फर्स्ट को लेकर करते हैं काम : अन्नपूर्णा देवी

रांची। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि एनडीए सरकार के 100 दिन पूरे हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टास्क दिया था। चार जून को तीसरी बार एनडीए पर देश ने विश्वास जताया। लगातार 10 वर्षों में देश के लिए प्रधानमंत्री ने युवा, महिला, किसान और गरीब को आयाम मान योजना तैयार किया। योजना को जमीन तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया। कई बड़े निर्णय हुए। पीएम मोदी नेशन फर्स्ट को लेकर काम करते हैं। मंत्री अन्नपूर्णा देवी केंद्र सरकार के 100 दिन पूरे होने पर रांची के प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि 100 दिन में 15 लाख करोड़ से ज्यादा की योजनाओं का शुभारंभ और उद्घाटन हुआ। आधारभूत संरचना पर तीन लाख करोड़ के योजना की मंजूरी दी गई है। साथ ही कहा कि पीएम ग्राम सड़क योजना 49000करोड़ लागत से 25000 गांव को मुख्य सड़क से जोड़ा जायेगा। किसान के लिए किसान सम्मान निधि दी जाएगी। 9.3 करोड़ किसान को 20000 करोड़ दी गई है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू किया गया।

मंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए दो लाख करोड़ का पीएम पैकेज रोजगार और कौशल के लिए दिया जायेगा। एक करोड़ युवाओं को टॉप कंपनी में इंटर्नशिप का मौका मिलेगा। पीएम आवास योजना तीन करोड़ की स्वीकृति मिली। दो करोड़ ग्रामीण, एक करोड़ शहरी आबादी को मिलेगा। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत 70 साल के ऊपर के आयु वर्ग के लिए मिलेगा, उसकी स्वीकृति कैबिनेट से मिली है। इसमें आय की बाध्यता नहीं होगी। घर के बुजुर्गों को इसका लाभ मिलेगा। छह करोड़ बुजुर्ग इसके दायरे में आएंगे। पीएम जन मन योजना 63000 गांव में शुरू हुई है। अन्नपूर्णा ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए बजट में तीन लाख करोड़ से अधिक की मंजूरी दी गई है। इसके तहत दिन दयाल अंत्योदय योजना के तहत 90 लाख ग्रुप बने हैं। पर्यटन दीदी के जरिए भी महिलाओं को रोजगार दिया जा रहा। लखपति दीदी से पीएम ने स्वयं संवाद किया। साथ ही 11 लाख को लखपति दीदी का प्रमाण दिया गया है। मुद्रा योजना की सीमा भी 20 लाख किया गया है। विकसित भारत के संकल्प में अहम भूमिका महिलाओं की होंगी।

मंत्री ने कहा कि महिला की भूमिका कार्यक्षेत्रों में बढ़े इसके लिए सुरक्षित घर और पालना की व्यवस्था की जा रही। वर्किंग वुमन हॉस्टल के माध्यम से रहने का इंतजाम किया जा रहा। विभाग और कॉरपोरेट घराने मिल कर यह काम कर रहे। महिला सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत शी बॉक्स में कर सकती हैं। पोषण माह के जरिए महिलाओं के पोषण का ध्यान रखा जा रहा। देश भर में पांच कारोड़ 20 लाख से अधिक गतिविधियां देश भर में हो चुकी हैं। कुपोषण से मुक्ति और पढ़ाई की योजना चल रही है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी को सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र के तौर पर डेवलप किया गया है। झारखंड में ढाई हजार लघु आंगनवाड़ी केंद्र थे। उन्हें अपग्रेड किया गया है। भारत सरकार ने 63000 सक्षम आंगनबाड़ी बनाने का फैसला लिया, लेकिन झारखंड सरकार ने मदद नहीं की है। राज्य में सीडीपीओ के पद खाली होने से परेशानी हो रही है। देश भर में 13.95 लाख आंगनबाड़ी में काम करने वाले सेविकाओं, सहायिकाओं को आयुष्मान से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भारत सरकार कई बड़े निर्णय लेगी। भारत सरकार के मंत्री आकांक्षी जिलों तक जाकर भी योजनाओं की जानकारी लेते हैं। जहां कठिनाइयां हैं उसे दूर किया जा रहा।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि झारखंड में लगातार बांग्लादेशी घुसपैठ बढ़ी है। महिला अत्याचार पर भी राज्य सरकार चुप है। दुमका में ही मार कर बेटी को लटकाया गया, कई टुकड़ों में काटा गया। राज्य सरकार महिला सुरक्षा पर गंभीर नहीं है। कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने और वीमेन-लेड डिवेलपमेंट पर जोर देने की दिशा में एक परिवर्तनकारी प्रयास में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी) ने जून से अगस्त तक कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। कार्यनीतिक पहलों और नवीन कार्यक्रमों के माध्यम से मंत्रालय महिलाओं को सशक्त बनाने, बाल कल्याण सुनिश्चित करने और सभी के लिए अवसर बढ़ाने के लिए ढांचे को सुदृढ़ करना जारी रख रहा है।

इस दिशा में 29 अगस्त को शी-बॉक्स की शुरुआत एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। यह आईटी प्लेटफॉर्म कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों के समाधान की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है, जिससे महिलाएं शिकायत दर्ज करने और उन्हें ट्रैक करने में समर्थ होती हैं। यह पूरे देश में सुरक्षित कामकाजी वातावरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रारंभिक बाल्यावस्था देखरेख और शिक्षा के अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुए मंत्रालय पूरे भारत में आंगनबाड़ी-

सह-क्रेच केंद्र स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है जिससे वर्ष 2029 तक लाखों परिवारों को लाभ मिलेगा। ये केंद्र समग्र बाल देखरेख और शैक्षिक सेवाएं प्रदान करेंगे। बाल विकास के आधारभूत स्तंभों को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत करेंगे तथा महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी बढ़ाएंगे। मंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी प्रणाली को और सुदृढ़ करने के लिए मंत्रालय 10,000 सक्षम आंगनबाड़ियों का उन्नयन, घर ले जाने के लिए राशन की डिलीवरी पर नज़र रखने के लिए दो-कारक प्रमाणीकरण प्रणाली का कार्यान्वयन और देश भर में पोषण परिणामों में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसी कड़ी में 7वें राष्ट्रीय पोषण माह का शुभारंभ एक सितंबर से हो गया है। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं और किशोरियों को एनीमिया के बारे में जागरूक करना है। यह पूरक आहार, विकास और संवर्धन के साथ-साथ बाल्यावस्था देखरेख और शिक्षा के बारे में जागरुकता लाने में भी मदद करेगी।

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