बांग्लादेश के सुनामगंज में हिंदुओं के घरों, दुकानों और मंदिरों पर हमला

ढाका : बांग्लादेश में सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्ण कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के संत चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के बाद चुन-चुनकर हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। दुनियाभर में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर जुल्म-ओ-सितम की तीखी आलोचना हो रही है। इस सबके बीच सुनामगंज में चिंताजनक घटना सामने आई है। यहां फेसबुक पोस्ट के बाद हिंदुओं के घरों और मंदिरों पर हमले के बाद तनाव बढ़ गया है।ढाका ट्रिब्यून समाचार पत्र के अनुसार, 21 वर्षीय हिंदू युवक आकाश दास की फेसबुक पोस्ट पर जारी एक तस्वीर से दूसरे समुदाय के लोग भड़क गए। नफरत की आंधी ने मंगलवार रात सुनामगंज के दोवाराबाजार उपजिला के सुदूरवर्ती गांव मंगलारगांव में कोहराम मचाया। हिंदुओं के घरों, दुकानों और मंदिरों पर जमकर तोड़फोड़ की गई। दोवाराबाजार पुलिस स्टेशन के प्रभारी जाहिदुल हक ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि भीड़ के गुस्से को देखते हुए आकाश को हिरासत में ले लिया गया। स्थानीय नेताओं और धार्मिक प्रतिनिधियों के समर्थन से सेना के जवानों के हस्तक्षेप के बाद स्थिति को नियंत्रण में लाया गया।उपद्रवियों ने मंगलारगांव के लोकनाथ मंदिर को भी नहीं छोड़ा। मंगलारगांव से सुनामगंज पहुंचे लोकनाथ मंदिर प्रबंध कमेटी के महासचिव खोकन रॉय के अनुसार, भीड़ ने लोकनाथ मंदिर पर भी हमला किया। इस दौरान 15 लाख रुपये से अधिक का कीमती सामान चोरी हो गया। उन्होंने दावा किया कि लगभग 100 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सोने के आभूषणों की दुकानों और हिंदू स्वामित्व वाली दुकानों में लूटपाट की गई। हालांकि पुलिस ने लूटपाट की घटनाओं से इनकार किया है। सब-इंस्पेक्टर अराफात इब्ने शफीउल्लाह ने कहा कि हिरासत में लिए गए युवक आकाश के खिलाफ साइबर सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उसे अदालत में पेश किया गया। जमानत न मिलने पर उसे जेल भेज दिया गया। गांव में पुलिस और सैन्यबलों को तैनात किया गया है। डिप्टी कमिश्नर एमडी इलियास मिया ने हमले के पीछे संभावित साजिश का संकेत दिया। अधिकारियों को संदेह है कि भीड़ को हिंदू संपत्तियों को निशाना बनाने के लिए उकसाया गया। क्षति का पैमाना बढ़ा-चढ़ाकर प्रचारित किया जा रहा है। इस बीच, बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने गुरुवार को कहा कि कम से कम 15 लाख रुपये की क्षति हुई है।

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