पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बड़ी घोषणा हो चुकी है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा की। उन्होंने बताया कि बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे — पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा। जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी। पूरे चुनावी प्रक्रिया की अवधि 40 दिन की होगी।
नामांकन और स्क्रूटनी की तिथियां
पहले चरण के चुनाव के लिए गैजेट नोटिफिकेशन 10 अक्टूबर को जारी होगा, वहीं दूसरे चरण का नोटिफिकेशन 13 अक्टूबर को जारी किया जाएगा।
- पहले चरण के नामांकन की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर होगी।
- दूसरे चरण की नामांकन अंतिम तिथि 30 अक्टूबर तय की गई है।
- स्क्रूटनी की तारीखें 18 और 21 अक्टूबर, जबकि नामांकन वापसी की तारीखें 20 और 23 अक्टूबर तय की गई हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि राज्य में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 3.92 करोड़ पुरुष और 3.50 करोड़ महिला मतदाता शामिल हैं। इसके अलावा 14 लाख नए मतदाता इस बार पहली बार वोट डालेंगे।
वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर तक
बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। राजनीतिक दलों ने आयोग से छठ पर्व के बाद चुनाव कराने की मांग की थी, ताकि अधिक से अधिक लोग भाग ले सकें, क्योंकि त्योहारों के समय बड़ी संख्या में लोग अपने घर लौटते हैं। पिछला विधानसभा चुनाव वर्ष 2020 में कोविड महामारी के दौरान तीन चरणों में हुआ था।
फर्जी खबरों और हिंसा पर सख्त निगरानी
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि आयोग का प्रयास है कि बिहार का यह चुनाव अब तक का सबसे सुगम, पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनाव हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी तरह की हिंसा या दुष्प्रचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और फर्जी खबरों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। साथ ही, 17 नई पहलें बिहार से शुरू की जा रही हैं, जो आगे पूरे देश में लागू की जाएंगी।
7 राज्यों की 8 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा
निर्वाचन आयोग ने 7 राज्यों की 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का भी ऐलान किया है। इन सीटों पर 11 नवंबर को मतदान और 14 नवंबर को मतगणना होगी।
उपचुनाव वाली सीटें हैं –
राजस्थान की अंटा, जम्मू-कश्मीर की बडगाम और नागरोटा, पंजाब की तरनतारन, झारखंड की घाटशिला, तेलंगाना की जुबली हिल्स, मिजोरम की डांपा और ओडिशा की नुआपाड़ा।
यह चुनावी घोषणा बिहार की राजनीति में हलचल मचाने वाली है, क्योंकि अब सभी दल चुनावी मोड में आ चुके हैं और गठबंधनों की रणनीतियाँ तेज हो गई हैं।