रांची। सुदेश महतो ने हाल ही में आदिवासी संगठनों की ओर से बुलाए गए झारखंड बंद पर कहा कि यह बंद आदिवासी असंतोष और संघर्ष की चेतावनी है। हेमंत सरकार जिन वोटों से सत्ता में आई, आज वही सरकार उनके अस्तित्व, संस्कृति और अधिकारों पर आघात कर रही है। यह धरती आबा के बलिदान का अपमान है। उन्होंने कांके के नगडी में किसानों की भूमि जबरन अधिग्रहण करने की घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि सरकार जनविरोधी और गांव विरोधी नीति अपना रही है। धरती आबा ने जिस जमीन की रक्षा के लिए अंग्रेजों से लोहा लिया, आज उसी जमीन को उनके वंशजों से छीना जा रहा है। 125वें शहादत वर्ष पर आजसू पार्टी ने यह संकल्प लिया कि बिरसा मुंडा के विचारों और संघर्ष की भावना को आगे बढ़ाया जाएगा और राज्य की नीतियों को गांव, जमीन और जनसरोकारों के अनुरूप ढालने के लिए निरंतर संघर्ष जारी रहेगा। पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने कहा कि बिरसा मुंडा की विचारधारा में सिर्फ इतिहास नहीं, भविष्य का मार्गदर्शन छिपा है। आज जरूरत है कि हम उनके विचारों को राजनीतिक भाषणों तक सीमित न रखें, बल्कि नीति और शासन में आत्मसात करें। धरती आबा बिरसा मुंडा की शहादत को 125 वर्ष पूरे हो चुके हैं, लेकिन उनके विचार अब भी उतने ही प्रासंगिक हैं। उनके सपनों का झारखंड आज भी अधूरा है। यह बातें आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने कोकर स्थित बिरसा मुंडा समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सोमवार को कही। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा सिर्फ एक योद्धा नहीं, बल्कि आदिवासी अस्मिता, स्वाभिमान और अधिकारों के प्रतीक हैं। भगवान बिरसा मुंडा के जीवन को जितना पढ़ेंगे, जानेंगे उतना ही हम झारखंड को भीतर से समझ सकेंगे। झारखंड को सिर्फ बाहर से देखने से उसकी आत्मा का बोध नहीं होता। धरती आबा के सिद्धांतों में झारखंड की आत्मा बसती है। मौके पर पार्टी नेता हसन अंसारी, जयपाल सिंह, संजय सिद्धार्थ, हरीश सिंह, ज्ञान सिन्हा, पार्थ पारितोष, शहजादा अनवर सहित अन्यद उपस्थित थे।