नई दिल्ली: राजस्थान और मध्य प्रदेश में कथित तौर पर कफ सिरप पीने के बाद कई बच्चों की मौत के मामले को लेकर सरकार एक्शन में है. दोषियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने शनिवार शाम 4 बजे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों तथा ड्रग कंट्रोलर्स की एक आपात बैठक बुलाई है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए दवा निर्माण प्रक्रिया में संभावित खामियों की पहचानकर और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोके साथ ही . कथित रूप से जहरीले कफ सिरप के कुछ यूनिट्स से सिरप के उत्पादन को रोकने का आदेश् दिया गया है। बैठक में सचिव ने साफ कहा कि सभी दवा कंपनियां संशोधित Schedule M के नियमों का सख्ती से पालन करें, वरना उनके लाइसेंस रद्द किए जाएं. राज्यों से कहा गया कि बच्चों में कफ सिरप का इस्तेमाल सोच-समझकर करें, क्योंकि ज़्यादातर खांसी अपने आप ठीक हो जाती है और दवा की ज़रूरत नहीं होती. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निगरानी बढ़ाने,अस्पतालों से समय पर रिपोर्ट भेजने, IDSP-IHIP प्लेटफॉर्म पर शिकायतें दर्ज कराने और पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके. 16 बच्चों की मौत के बाद केंद्र ने कफ सिरप की क्वॉलिटी पर सख्ती बढ़ाई, कोल्ड्रिफ पर कई राज्यों में प्रतिबंध, सभी दवा कंपनियों को Schedule M का पालन करने का आदेश जारी कर दिया है । बैठक में राज्यों से कहा गया कि बच्चों में कफ सिरप का इस्तेमाल सोच-समझकर करें। बच्चों की मौत होने के बाद पुलिस ने लापरवाही के आरोप में एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया है और ‘जहरीले’ कफ सिरप की निर्माता कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया है. मध्य प्रदेश सरकार ने ‘कोल्ड्रिफ कफ सिरप’ की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है.