चाईबासा ब्लड संक्रमण मामला: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिए सख्त निर्देश, सिविल सर्जन और ब्लड बैंक प्रभारी निलंबित

रांची : झारखंड की चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने की गंभीर घटना के बाद राज्य सरकार हरकत में आ गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे बेहद संवेदनशील और दर्दनाक मामला बताते हुए कड़ा रुख अपनाया है। उनके निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने चाईबासा के सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो कुमार मांझी और ब्लड बैंक प्रभारी डीसी सवैया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित बच्चों के परिवारों को सरकार 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। साथ ही संक्रमित बच्चों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था में लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी ब्लड बैंकों का ऑडिट का आदेश मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी को निर्देश दिया है कि राज्य के सभी ब्लड बैंकों का तत्काल ऑडिट किया जाए और पांच दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपी जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। दो दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री को मिली थी जानकारी स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने बताया कि यह मामला दो दिन पहले उनके संज्ञान में आया था। उन्होंने तुरंत उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की। शुरुआती जांच में एक थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई है। त्वरित कार्रवाई करते हुए सिविल सर्जन और ब्लड बैंक प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। डॉ. अंसारी ने बताया कि जांच समिति को एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। समिति यह भी जांच कर रही है कि संक्रमित रक्त अस्पताल के ब्लड बैंक से मिला था या बाहर से। उन्होंने कहा कि एचआईवी संक्रमण की पुष्टि में लगभग चार सप्ताह का समय लगता है। यदि ‘विंडो पीरियड’ में संक्रमित व्यक्ति का रक्त चढ़ाया जाए, तो संक्रमण फैलने की संभावना बनी रहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *