सीआरपीएफ ने गार्ड ऑफ ऑनर के साथ रोलो काे दी अंतिम विदाई

सुकमा। सीआरपीएफ के महानिदेशक जीपी सिंह ने कहा कि के-9 रोलो अब भले ही इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी बहादुरी, निष्ठा और बलिदान को हमेशा सम्मान के साथ याद किया जाएगा। वह न केवल एक खोजी कुत्ता था, बल्कि एक सच्चा सैनिक और वफादार साथी भी था। उन्हाेंने उसे मरणोपरांत सम्मानित किए जाने की घोषणा की है। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में तैनात सीआरपीएफ की 228 वीं बटालियन के जवानों ने अपने बहादुर डॉग के-9 दस्ते की सदस्य ‘रोलो’ को शुक्रवार काे पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। दो वर्षीय रोलो की मौत 27 अप्रैल 2025 को एनेफिलैक्टिक शॉक के कारण हुई, जो लगभग 200 मधुमक्खियों के डंक मारने से आया था। सीआरपीएफ के जवानों ने बहादुर डॉग रोलो को गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए अंतिम संस्कार कर दिया है। उक्त जानकरी सीआरपीएफ की 228 वीं बटालियन ने आज शुक्रवार काे तस्वीर एवं वीडियो के माध्यम से दी है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के तेलंगाना सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ी में नक्सलियों के विरूत्द्ध अब तक के सबसे लंबी अवधि 24 दिनाें तक चलाये गये नक्सल विराेधी अभियन से बहादुर डॉग रोलो अपनी ड्यूटी खत्म करके एक जवान के साथ घर वापस लौट रहा था। इसी दाैरान मधुमक्खियों ने जवान और रोलो पर हमला बोल दिया। मधुमक्खियों के हमले के बावजूद, उसके हैंडलर ने उसे बचाने की कोशिश की, परंतु रोलो को बचाया नहीं जा सका। मधुमक्खियों के डंक का शिकार रोलो ने एनाफिलेक्टिक शॉक के कारण दम तोड़ दिया, जिसे 27 अप्रैल को मृत घोषित कर दिया गया था। रोलो ने अपनी सेवा के दौरान कई बार जवानों के साथ नक्सल विराेधी अभियान में भाग लिया था। उसकी बहादुरी और सेवा को याद करते हुए, सीआरपरएफ जवानों द्वारा सैल्यूट के साथ सीआरपीएफ की 228 वीं बटालियन के कैंप मे ही अंतिम संस्कार किया गया।

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