गिरिडीह । डांट के डर से दो छात्राओं ने कुएं में कूदकर दी जान

गिरिडीह, सरिया : सरिया थाना क्षेत्र के उत्क्रमित उच्च विद्यालय चिरुवां-कपिलो में गुरुवार को एक हृदय विदारक घटना सामने आई। आठवीं कक्षा की दो छात्राओं ने शिक्षकों की नाराजगी और अभिभावकों की संभावित डांट के डर से कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली। मृतक छात्राओं की पहचान चिरुवां गांव की जाहिदा खातून (13) और गुलाबशा परवीन (14) के रूप में हुई है। स्कूल में क्या हुआ? विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक जयप्रकाश रविदास ने बताया कि सुबह प्रार्थना सभा में शामिल न होने और कक्षा से अनुपस्थित रहने पर दोनों छात्राओं से जवाब मांगा गया। उचित उत्तर न मिलने पर उन्हें सहपाठी शना परवीन के साथ घर जाकर अभिभावकों को बुलाने कहा गया। शना अपने अभिभावक के साथ स्कूल लौट आई, लेकिन जाहिदा और गुलाबशा वापस नहीं आईं। रास्ते में दोनों छात्राओं ने शना से कहा था कि “अगर अभिभावकों को लेकर स्कूल गए तो हमें डांट-फटकार मिलेगी, इसलिए घर नहीं जाएंगे, कुछ देर कुएं पर बैठेंगे।” इसके बाद दोनों ने कुएं में छलांग लगा दी। ग्रामीणों ने दोपहर करीब एक बजे शवों को कुएं से बाहर निकाला। सहपाठियों और ग्रामीणों का आरोप सहपाठी शना परवीन ने बताया कि हिंदी और आईटीसी के शिक्षकों की नाराजगी से वे सभी डरी हुई थीं। वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि शिक्षकों को छात्राओं को डांटने या शर्मिंदा करने के बजाय अभिभावकों को मोबाइल या नोटिस के माध्यम से सूचित करना चाहिए था। प्रशासन की कार्रवाई घटना की सूचना पर पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए बगोदर भेज दिया। सरिया अंचलाधिकारी संतोष कुमार ने जांच के आदेश दिए और दोषी पाए जाने पर शिक्षा विभाग से कार्रवाई करने की बात कही। थाना प्रभारी आलोक कुमार सिंह ने कहा कि फर्द बयान के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। संवेदनशीलता की ज़रूरत यह दर्दनाक घटना बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और शैक्षणिक माहौल पर गंभीर सवाल उठाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि डांट-फटकार और सार्वजनिक अपमान बच्चों पर गहरा मानसिक दबाव डाल सकता है। संवाद और संवेदनशीलता से ही ऐसी त्रासदियों को रोका जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *