लाेहरदगा, भारतीय जनता पार्टी की ओर से किस्को प्रखंड के मेरले गांव में चौपाल कार्यक्रम का आयोजन मंगलवार को किया गया। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी मौजूद रहे। मौके पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य लेकर 11 वर्षो से नरेंद्र मोदी देश के हित मे कई कार्य किए गए हैं। वर्ष 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने का लक्ष्य प्रधानमंत्री का है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी का 100 वर्ष पूरे होने पर विकसित भारत का जश्न मनाने का संकल्प लिया गया है। देश के हर वर्ग के मेहनत और योगदान से विकसित भारत बन सकेगा। उन्होंने रामायण के प्रसंग का जिक्र करते हुए कहा कि भगवान राम ने हर वर्ग के लोग और जीव जंतुओं को संगठित कर लंका में विजय प्राप्त कर सीता को छुड़ाकर वापस लाए, हर वर्ग के लोगों के सहयोग से ही विकसित भारत बनेगा। उन्होंने विकसित भारत के लिए स्वदेशी अपनाने और भारत में बनी वस्तुओं की खरीदारी करने की अपील की। बाबूलाल ने कहा कि विदेशी वस्तु का त्याग किए बिना विकसित भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है। स्वदेशी उपयोग होगी तो यहां के भारत के वस्तुओं की बिक्री बढ़ेगी और युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि वे देश में बनी चीजें ही खरीदें।राज्य में अपराध, चोरी, लूट और अपहरण की घटनाएं चरम पर उन्होंने राज्य की हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि छह वर्षों से सरकार केवल भाषण ही दे रही है। राज्य में अपराध, चोरी, लूट और अपहरण की घटनाएं चरम पर हैैं और कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य में पुलिस अपराधी को पकड़ने के बजाय गांव के घरों में आवास निर्माण के लिए उपयोग होने वाले बालू पकड़ने में लगी है, बालू के नाम पर अवैध वसूली हो रही है। साथ ही कोयला और बालू की चोरी कराने में सरकार व्यस्त है। उन्होंने कहा कि अफसरों में सरकार का कोई डर नहीं है। यहां जब तक भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होगी तो रोजगार के अवसर नहीं पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि उत्पाद विभाग की दौड़ में कई युवा अभ्यर्थियों की मौत हुई थी, जिसकी जांच ठंडे बस्ते में सरकार ने डाल दिया। 3200 रुपये में धान की खरीदारी की जगह किसानों से 2200 में खरीदारी की जा रही है। फसल बर्बाद का मुआवजा अभी तक किसानों को नहीं मिला है। बाबूलाल ने कहा कि सरकार कुछ महिलाओं को मंईयां सम्मान का लाभ देकर ढिंढोरा पिट रही है। बाबूलाल ने कहा कि झारखंड में 1951 में 36 प्रतिशत आदिवासी थे जो घटकर महज 26 प्रतिशत रह गए हैं। इसके अलावा यहां हिन्दुुुओं की भी आबादी घटी है, जबकि एक समुदाय विशेष की आबादी बढ़ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में रोहिंग्या बांग्लादेशी को जमाई टोला में बसाया गया है, जिसे भी वोट देने का अधिकार प्राप्त है। इसे दूर करने के लिए एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) किया जा रहा है। कार्यक्रम में लोगों को स्वदेशी अपनाने का संकल्प दिलाया गया। कार्यक्रम में सैकडों लोग मौजूद थे।
