एचईसी कर्मियों को मिला सिर्फ एक माह का वेतन

रांची। प्रबंधन के खिलाफ विरोध तेज कर दिया है। यह जानकारी हटिया कामगार यूनियन (एटक) के उपाध्यक्ष लालदेव सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए दी है। उन्होंने एचईसी प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि निगम सप्लाई कर्मियों की मेहनत और हक को लगातार नजरअंदाज कर रहा है। पैसा मांगने पर आनाकानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा जैसे बड़े पर्व पर भी मजदूरों के घरों का चूल्हा ठंडा है। जब परिवारों को खुशियां मनाने के बजाय रोटी की चिंता सताती है, तो निगम की तरक्की के दावों की असलियत खुद सामने आ जाती है। बकाया वेतन दो साल से अटका है। मांग मांग कर परेशान हो गए। दुर्गा पूजा में उम्मीद थी प्रबंधन ने उसे भी तोड़ दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब प्रबंधन यह कह रहा है कि उत्पादन में वृद्धि हो रही है। निगम तरक्की की राह पर चल रहा है, तो फिर मजदूरों को नियमित वेतन क्यों नहीं मिल रहा। क्या तरक्की का मतलब सिर्फ ऊपरी प्रबंधन के ऐशो-आराम से है और मजदूरों के परिवारों की जिंदगी बर्बाद करना ही निगम की असली नीति है। प्रबंधन की यह नीति बेहद गलत है। सिंह ने साफ चेतावनी दी है कि जब तक हर माह समय पर नियमित वेतन भुगतान की गारंटी नहीं दी जाती। और दो साल का बकाया नहीं चुकाया जाता। तबतक अब मजदूरों का आंदोलन जारी रहेगा। और यह और भी व्यापक स्तर पर किया जाएगा। झारखंड की राजधानी रांची स्थित एचईसी (हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन) के सप्लाई कर्मियों को एक बार फिर दुर्गा पूजा जैसे बड़े त्योहार के मौके पर निराशा हाथ लगी है। निगम प्रबंधन ने स्थायी कर्मचारियों का एक माह का वेतन तो 25 सितंबर को बैंक खातों में भेज दिया, लेकिन सप्लाई कर्मियों को दो साल से लंबित बकाया वेतन देने के नाम पर मुंह फेर लिया। फूटी कौड़ी तक नहीं दिया। इससे नाराज मजदूरों ने शुक्रवार से काम बंद कर दिया।

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