लखनऊ। हॉकी इंडिया की रविवार को लखनऊ में हुई वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में करियर बनाने में आर्थिक मदद के लिए भारतीय पुरुष और महिला कोर संभावित समूह के उन सदस्यों को 2 लाख रुपये का अनुदान देने का निर्णय लिया है, जिन्हें अभी तक सरकारी विभागों या सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) में नौकरी नहीं मिली है। बैठक के बाद हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप तिर्की ने कहा कि अधिकांश हॉकी खिलाड़ियों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उनके प्रदर्शन के आधार पर पीएसयू और सरकारी विभागों से नौकरी दिए जाने की परंपरा रही है लेकिन हमारे ध्यान में लाया गया है कि सीनियर कोर ग्रुप में शामिल कुछ नए खिलाड़ी, खास तौर पर महिला खिलाड़ी बेरोजगार हैं। एजीएम में ऐसे हॉकी खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता देने के लिए हर साल 2 लाख रुपये का अनुदान देने का निर्णय लिया गया है, ताकि उन्हें या उनके परिवारों को गुजारा करने के लिए संघर्ष न करना पड़े।
हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने बताया कि वार्षिक आम बैठक में राष्ट्रीय खिलाड़ियों की मदद से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। हमने आगामी हॉकी इंडिया लीग पर भी चर्चा की और हम आने वाले हफ्तों में कुछ रोमांचक घोषणाएं करेंगे। हॉकी इंडिया की वार्षिक आम बैठक पहली बार लखनऊ में आयोजित की गई। इससे एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हॉकी इंडिया की 31 राज्य सदस्य इकाइयों और हॉकी इंडिया कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों के प्रतिनिधियों की लखनऊ में अपने आवास पर चाय पर मेजबानी की, जिसमें अध्यक्ष डॉ. दिलीप तिर्की, महासचिव भोला नाथ सिंह और कोषाध्यक्ष शेखर जे मनोहरन शामिल हुए थे। इस बैठक में उत्तर प्रदेश में हॉकी को आगे बढ़ाने के लिए चर्चा की गई, जो राज्य में खेल को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।