नीट मुद्दे पर राज्यसभा में भारी हंगामा, सभापति ने जताई नाराजगी

नई दिल्ली : राज्यसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान शुक्रवार को विपक्ष ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) के कथित पेपर लीक विवाद पर चर्चा की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया।

विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में नीट का मुद्दा उठाया और कथित पेपर लीक पर चर्चा के लिए दबाव डाला। इस दौरान खड़गे वेल में आ गये।

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के नेता के राज्यसभा के वेल में आने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आज का दिन भारतीय संसद के इतिहास में इतना दागदार हो गया है कि विपक्ष के नेता स्वयं वेल में आये हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। मैं पीड़ित और अचंभित हूं कि आज संसद की परंपरा इतनी गिर जाएगी, प्रतिपक्ष के नेता वेल में आयेंगे।

राज्यसभा के विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बाद में सदन के बाहर कहा कि हम नीट घोटाले पर नियम 267 के तहत सदन में चर्चा कर के इससे पीड़ित लाखों युवाओं की आवाज उठाना चाहते थे। इसलिए लोगों की समस्या पर ध्यान आकर्षित करने के लिए हमने एक विशेष चर्चा के लिए कहा। हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते थे। हम केवल छात्रों के मुद्दों को उठाना चाहते थे लेकिन उन्होंने इसका मौका नहीं दिया, इस पर ध्यान ही नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि राज्य सभा के सभापति से मैं ये कहूंगा कि विपक्ष के प्रति उनका आज का सौतेला व्यवहार भारतीय संसद के इतिहास में दागदार हो गया है। सभापति केवल सत्ता पक्ष की ओर देख रहे थे। मैंने उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए 10 मिनट तक हाथ उठाया, खड़ा हुआ, संसदीय गरिमा और नियमों का पालन किया, फ़िर भी उन्होंने सदन में विपक्ष के नेता की ओर नहीं देखा। जब नेता विपक्ष नियमानुसार उनका ध्यान आकर्षित करता है, तो उन्हें उसकी ओर देखना चाहिए लेकिन इसके बजाय उन्होंने मुझे अपमानित करने के लिए जानबूझकर मुझे नजरअंदाज कर दिया, मुझे या तो अंदर जाना होगा या बहुत जोर से चिल्लाना होगा। इसलिए मैं निश्चित रूप से कहूंगा कि यह सभापति की गलती है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि आज राज्यसभा में आई.एन.डी.आई.ए सांसदों ने नीट और नेट घोटाले पर तत्काल चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया। हालांकि चर्चा की अनुमति नहीं दी गई, जिससे उच्च सदन में हंगामा शुरू हो गया।

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