दीपावली पर अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने स्वदेशी, स्वच्छता, स्वास्थ्य, राममंदिर का किया जिक्र

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री ने दीपावली पर देशवासियों के नाम लिखे एक पत्र अयोध्या में राम मंदिर, ऑपरेशन सिंदूर, नक्सलवाद के खात्मे, जीएसटी उत्सव और स्वदेशी अपनाने का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि हम सभी भाषाओं का सम्मान करें। हम स्वच्छता बनाए रखें। हम अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। हम अपने भोजन में तेल का उपयोग 10 प्रतिशत कम करें और योग को अपनाएं। ये सभी प्रयास हमें तेज़ी से विकसित भारत की ओर ले जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के भव्य निर्माण के बाद यह दूसरी दीपावली है। भगवान श्रीराम हमें धर्म की शिक्षा देते हैं और अन्याय से लड़ने का साहस भी देते हैं। इसका जीता जागता उदाहरण हमने कुछ महीने पहले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखा था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारत ने न केवल धर्म की रक्षा की, बल्कि अन्याय का बदला भी लिया। नक्सलवाद के खात्मे की ओर बढ़ने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस दीपावली में पहली बार देशभर के दूरदराज कई जिलों में दीप जलाए जाएंगे। इन जिलों में नक्सलवादी आतंकवाद का जड़ से सफाया हो चुका है। हाल के दिनों में कई लोग हिंसा का रास्ता छोड़ विकास की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। यह देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। जीएसटी बचत उत्सव पर प्रधानमंत्री ने कहा कि संकटों से जूझ रहे विश्व में भारत स्थिरता और संवेदनशीलता दोनों का प्रतीक बनकर उभरा है। देश ने हाल के दिनों में अगली पीढ़ी के सुधारों की भी शुरुआत की है। नवरात्रि के पहले दिन जीएसटी की कम दरें लागू की गईं। इस बचत उत्सव के दौरान नागरिक हज़ारों करोड़ रुपये बचा रहे हैं। स्वदेशी अपनाने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित और आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में नागरिक के तौर पर हमारी प्राथमिक ज़िम्मेदारी राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “आइए हम ‘स्वदेशी’ (स्थानीय उत्पाद) अपनाएं और गर्व से कहें ‘यह स्वदेशी है!’। आइए हम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को बढ़ावा दें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दीपावली के अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम समाज और आस-पास सद्भाव, सहयोग और सकारात्मकता का दीप जलाएं। उन्होंने कहा, “दीपावली हमें यह भी सिखाती है कि जब एक दीपक दूसरे दीपक को जलाता है, तो उसका प्रकाश कम नहीं होता, बल्कि और बढ़ता है।”

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