नेपाल के 900 मेगावाट हाइड्रो पावर के लिए दो भारतीय कंपनियों का 4000 करोड़ से अधिक का निवेश 

काठमांडू : भारतीय कंपनी जीएमआर के पास रहे 900 मेगावाट क्षमता की अपर कर्णाली हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के लिए भारत की दो कंपनियों ने निवेश के लिए ऋण देने की सहमति दी है। इसके अलावा नेपाल के बैंकों से भी ऋण लेने की सहमति के बाद जल्द ही इस परियोजना के शुरू होने का विश्वास जताया जा रहा है।

जीएमआर ने इस परियोजना को बनाने के लिए 2009 में टेंडर लिया था लेकिन निवेश का स्रोत नहीं मिल पाने के कारण अब तक यह शुरू नहीं पायी थी। अब भारत की दो बड़ी कंपनियों पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन और इंडियन रिन्युवल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (आईआरईडीए) ने निवेश समझौते को स्वीकृति दे दी है।

अपर कर्णाली हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के लिए इन दोनों ही भारतीय कंपनियों के तरफ से प्रति कंपनी 2080 करोड़ रूपये निवेश को मंजूरी दे दी गई है। यह दोनों भारत सरकार की स्वामित्व वाली संयुक्त उपक्रम है। नेपाल इन्वेस्टमेंट बोर्ड के प्रवक्ता प्रद्युमन प्रसाद उपाध्याय ने बताया कि नेपाल के 9 अलग अलग बैंकों से 640 करोड़ रूपये ऋण की स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते ही इन सभी निवेश करने वाले कंपनियों और बैंकों से अंतिम समझौता कर लिया जाएगा।

इस परियोजना की कुल लागत 14,632 करोड़ रूपये बताई गई है। 70 प्रतिशत ऋण बाहर से जुटाकर जीएमआर के तरफ से 30 प्रतिशत का निवेश किए जाने की जानकारी नेपाल इन्वेस्टमेंट बोर्ड के तरफ से दी गई है। अब तक 10 हजार करोड़ से अधिक निवेश की स्वीकृति मिल गई है।

जीएमआर के तरफ से निवेश नहीं जुटा पाने के कारण उसने नेपाल इलेक्ट्रिसिटी ऑथारिटी को 27 प्रतिशत शेयर मुफ्त में दे दिया है। इसके अलावा जीएमआर ने भारतीय कंपनी इरेडा को पांच प्रतिशत शेयर और सतलज जलविद्युत निगम को 34 प्रतिशत शेयर दिया है।

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