रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर दिसंबर में विधानसभा चुनाव कराने की मांग की है। झामुमो के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रयो भट्टाचार्य इस संबंध में आयोग को पत्र लिखा। इसमें कहा गया है कि पांचवें विधानसभा के लिए 23 दिसम्बर, 2019 को सम्पन्न हुआ और 29 दिसम्बर, 2019 को वर्त्तमान सरकार का गठन किया गया था। इस लिहाज से चुनाव संचालन दिसम्बर के प्रथम सप्ताह से सम्पन्न हो तो वर्तमान राज्य सरकार को अपना सम्पूर्ण कार्यकाल पूर्ण करने का अवसर प्राप्त होगा।
झामुमो ने चुनाव आयोग के समक्ष ये रखी मांगें
-आसन्न झारखंड विधानसभा में कुल 81 विधानसभा क्षेत्र हैं। भौगोलिक रूप से हमारा राज्य क्षेत्र कई दुर्गम पहाड़ों एवं जंगलों से आच्छादित है। पूर्व में हमारे राज्य के अनेक क्षेत्रों में अतिवामपंथी चरमपंथी संगठनें कार्यरत रही हैं लेकिन हमारे पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के जन-सरोकार एवं नैसर्गिक सामाजिक न्याय के कारण अतिवामपंथ की समस्याएं अब लगभग निर्मूल हो गई हैं। फिर भी इस तथ्य का ख्याल रखा जाये।
– लेबल प्ले ग्राउंड यानी सभी राजनैतिक दलों को एक समान राजनैतिक प्रचार-प्रसार का अवसर मिले, यह सुनिश्चित करना आपके कार्यदायित्व का मूल सिद्धान्त है। अतः हमारे प्रतिद्वन्दी राजनैतिक दलों को सुरक्षित फ्लाइंग जोन उपलब्ध करवा कर हमारे मुख्य स्टार प्रचारकों के फ्लाइंग जोन एवं समय में कोई बाधा न आए यह भी सुनिश्चित किया जाये।
-बहुचरणीय चुनाव में यह एक तथ्यात्मक उदाहरण है कि जिस क्षेत्र में मतदान की तिथि है उसके ठीक संलग्न अन्य क्षेत्रों में अन्य राजनैतिक दलों के स्टार प्रचारकों द्वारा चुनावी जन सभा आयोजित की जाती रही हैं। अपने चुनावी संभाषणों में मतदाताओं के बीच भ्रम की परिस्थितियों का निर्माण किया जाता है, जिससे मतदान भी प्रभावित होता है और मतदाता भी सामाजिक-धार्मिक स्तर पर विभाजित हो जाते हैं। ये अत्यन्त चिन्ताजनक परिस्थितियां पैदा करती हैं जिससे स्वस्थ लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कठोर आघात पहुंचाता है। ऐसी परिस्थिति भविष्य में न उत्पन्न हो, इसकी विवेचना कर इस पर रोक लगाने हेतु ठोस दिशा निर्देश सभी राजनैतिक दलों को प्रेषित की जाय ताकि लेबल प्ले ग्राउंड सुनिश्चित रहे।
-हमारे राज्य में उच्च प्रशिक्षित झारखंड जगुआर, झारखंड सशस्त्र पुलिस (जैप) तथा उच्च प्रशिक्षित जिला सशस्त्र पुलिस बल पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं। अतः अति आवश्यक होने पर ही केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ती की जाये ताकि गांव-देहात में भय और आतंक के वातावरण का निर्माण न हो सके एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में अधिकाधिक मतदान सम्पन्न हो सके।
-राजनैतिक और चुनाव प्रचार अभियान में किसी भी प्रकार का धर्म-जाति विशेष का नाम लेकर सम्भाषण न हो, यह सुनिश्चित करना भी आपका दायित्व है। विगत अगस्त माह से ही भारतीय जनता पार्टी के कई केन्द्रीय स्तर के नेताओं द्वारा हमारे राज्य में धर्म-जाति के नाम पर चुनावी भाषाएं बोली जा रही है, जिससे समाज में धार्मिक-सांस्कृतिक विभाजन की स्थित उत्पन्न हो गई है। यह सुनिश्चित करना आपका दायित्व है कि साम्प्रदायिक ध्रुविकरण न हो पाए एवं सर्वसमाज अपने जनाकांक्षा एवं जनहित को देखते हुए स्वतंत्र एवं भयमुक्त मतदान कर सके तथा साम्प्रदायिक सद्भाव भी कायम रहे।
-मोर्चा ने अंत में कहा है कि इन सभी तथ्यों पर गहनतापूर्ण विचार के बाद ही चुनावी तिथि एवं कार्यक्रम की घोषणा हो ताकि वर्तमान राज्य सरकार अपने सम्पूर्ण कार्यकाल पूर्ण करने के लिए जो जनादेश प्राप्त है उस पर किसी भी तरह का हस्तक्षेप न हो।