रांची : झारखंड में सूर्योपासना का महापर्व कार्तिक छठ के अवसर पर आज राजधानी रांची समेत राज्य भर में व्रतधारियों ने उगते हुए सूर्य को नदी और तालाबों में खड़े होकर अर्घ्य अर्पित किया। राजधानी रांची में हजारों महिला और पुरुष व्रतधारियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। नदी और तालाब की ओर जाने वाले आज सभी मार्ग छठ व्रत एवं सूर्य आराधना के भक्तिपूर्ण एवं कर्णप्रिय गीतों से गुंजायमान रहा। रांची जिला प्रशासन ने नदी और तालाब के घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये थे। छठव्रतियों की ओर से आज सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित किए जाने के साथ ही चार दिनों का यह पवित्र अनुष्ठान संपन्न हो गया। देवघर में भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की और व्रतधारियों ने तालाब में अर्घ्य अर्पित किया ।इस अवसर पर अत्यन्त आकर्षक ढंग से सजाये गये आज सुबह से ही भगवान भाष्कर के दर्शन के लिए व्रतधारियों तथा श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी हुई थी। इस दौरान देश के विभिन्न प्रांतों से आये लाखों श्रद्धालुओं और व्रतधारियों द्बारा गाये जा रहे कर्णप्रिय छठी मईया के गीतों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो गया। लोक मान्यता है कि देव में पवित्र सूर्य कुण्ड में स्नान कर भगवान भाष्कर को अर्घ्य अर्पित करने और त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर में भगवान के दर्शन करने से मनोवांछित कामनाओं की पूर्ति होती है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उदयीमान भगवान भाष्कर से राज्य एवं देशवासियों की सुख, शांति एवं समृद्धि के लिये प्रार्थना की दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद श्रद्धालुओं का 36 घंटे का निराहार व्रत समाप्त हुआ और उसके बाद हीं व्रतधारियों ने अन्न ग्रहण किया । चार दिवसीय इस महापर्व के तीसरे दिन कल व्रतधारियों ने नदियों और तालाबों में अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य अर्पित किया था ।
