शहीद सीआरपीएफ जवान महिमा शुक्ला पंचतत्व में विलीन

पलामू । महिमा शुक्ला केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में हवलदार के पद पर तैनात थे। 11 फरवरी को महिमा शुक्ला नक्सल विरोधी अभियान पर निकले थे। इसी क्रम में आईईडी की चपेट में आ गए थे। इस विस्फोट में उनके दोनों पर उड़ गए थे। उन्हें इलाज के लिए छत्तीसगढ़ के रायपुर में भर्ती करवाया गया था। वह 10 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे थे। जहां इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गई। उनके शहीद होने की खबर के साथ ही पूरे पलामू में मातम का माहौल छा गया। पैतृक गांव कमलकेडिया में शोक की लहर है। महिमा शुक्ला लंबे वक्त से छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान में तैनात थे। अंतिम संस्कार में चतरा सांसद कालीचरण सिंह, पांकी विधायक डॉ शशिभूषण मेहता के अलावा सीआरपीएफ आईजी साकेत कुमार सिंह, पलामू डीआईजी वाईएस रमेश, सीआरपी डीआईजी पंकज कुमार ने भी सलामी दी। साथ ही पलामू जिला प्रशासन के कई अधिकारी भी मौजूद थे। चतरा सांसद कालीचरण सिंह, पांकी विधायक डॉ शशिभूषण मेहता समेत अन्य लोगों ने जवान को सलामी दी। छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले में पलामू का लाल सीआरपीएफ जवान महिमा शुक्ला शहीद हो गए। 11 फरवरी को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में आईईडी विस्फोट में पलामू जिले के नीलांबर पितांबरपुर (लेस्लीगंज) के कमलकेडिया के रहने वाले महिमा शुक्ला गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। उनके दोनों पैर जख्मी हो गए थे। उनका इलाज किया जा रहा था। इसी क्रम में गुरुवार को उनका निधन हो गया। शुक्रवार सुबह जवान का पार्थिव शरीर उनके घर पर लाया गया और फिर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम विदाई देने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। महिमा शुक्ला अमर रहे के नारे लगाए गए। अंतिम विदाई देते समय हर किसी की आंखें नम थी।

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