नई दिल्ली। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने कई बार मिशन स्थगित होने के बाद बुधवार को आखिरकार केनेडी स्पेस सेंटर से एक्सिओम-4 मिशन लॉन्च कर दिया। यह सटीक क्षण तब आया, जब स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट ने फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के कॉम्प्लेक्स 39ए से भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की ओर उड़ान भरी। एक्स-4 क्रू में भारत, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष भेजे गए हैं। इस मिशन में शामिल किये गए भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की यात्रा पर 41 साल बाद जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। इससे पहले सोवियत रूस के सोयुज अंतरिक्ष यान पर 1984 में भारतीय राकेश शर्मा को भेजा गया था।ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के साथ यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज़्नान्स्की 1978 के बाद से दूसरे पोलिश अंतरिक्ष यात्री हैं। उनके साथ गए टिबोर कापू 1980 के बाद से हंगरी के दूसरे राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री हैं। अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन एक्स-4 मिशन की कमान संभाल रही हैं। उनकी यह दूसरी वाणिज्यिक मानव अंतरिक्ष उड़ान है। लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद अंतरिक्ष यान के गुरुवार शाम करीब 04:30 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से डॉक होने की उम्मीद है। शुभांशु शुक्ला का मिशन लॉन्च होने के बाद भारतीय वायु सेना ने ‘एक्स’ पर लिखा, “आसमान को जीतने से लेकर सितारों को छूने तक- भारतीय वायु सेना के वायु योद्धा की अदम्य भावना से प्रेरित एक यात्रा। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन पर रवाना हुए, जो देश के गौरव को धरती से परे ले जाएगा। यह भारत के लिए एक ऐसा क्षण है, जो स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा के मिशन के 41 साल बाद आया है, जब पहली बार हमारे तिरंगे को धरती से परे ले जाया गया था। यह एक मिशन से कहीं बढ़कर है- यह भारत के निरंतर विस्तारित क्षितिज की पुष्टि करता है।” उड़ान भरने के बाद स्पेसक्राफ्ट के अंदर से शुभांशु शुक्ला ने पहला मैसेज दिया। उन्होंने कहा कि नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियो, what a ride… 41 साल बाद हम वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं और कमाल की राइड थी। इस समय हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से पृथ्वी के चारों तरफ घूम रहे हैं। मेरे कंधे पर मेरे साथ मेरा तिरंगा है, जो मुझे बता रहा है कि मैं अकेला नहीं हूं, मैं आप सबके साथ हूं। शुभांशु शुक्ला ने स्पेसक्राफ्ट के अंदर से कहा कि ये मेरी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक की जर्नी की शुरुआत नहीं है, ये भारत की ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम की शुरुआत है और मैं चाहता हूं कि सभी देशवासी इस यात्रा का हिस्सा बनें। आपका भी सीना गर्व से चौड़ा होना चाहिए। आप भी उतना ही एक्साइटमेंट दिखाइए। आइए हम सब मिलकर भारत की इस ह्यूमन स्पेस जर्नी की शुरुआत करें। धन्यवाद, जय हिंद, जय भारत। नासा के एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा बने भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्पेसक्राफ्ट से पहला संदेश आ गया है। उन्होंने कहा, ‘नमस्कार मेरे प्यारे देशवासियों। काफी साल बाद हम फिर वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं। कमाल की सवारी थी। मेरे साथ मेरे कंधे पे मेरा तिरंगा है।’ भारत के लिए यह क्षण 41 साल बाद आया है, जब स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा ने पहली बार हमारे तिरंगे को अंतरिक्ष में ले जाकर संदेश भेजा था, ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा।’