शिमला : मानसून की पहली बारिश ने ही प्रदेश की राजधानी शिमला के लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। मूसलाधार बारिश की वजह से शहर में कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। इससे कई वाहन दब गए हैं। भूस्खलन से कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है।
शिमला में गुरुवार की रात करीब तीन घंटे तक जमकर बारिश हुई। शुक्रवार को दिन की शुरुआत खिली धूप से हुई, लेकिन दोपहर बाद मौसम ने फिर करवट ली और झमाझम बारिश शुरू हो गई। भारी बारिश के कारण शिमला के चमयाना में पहाड़ी से हुए भूस्खलन की चपेट में आने से सड़क किनारे खड़ी चार गाड़ियां दब गईं। मल्याणा में भी भूस्खलन से तीन गाड़ियों को क्षति पहुंची हैं।
शिमला शहर में जगह जगह नालों से मलबा आने से नगर निगम की तैयारियों की भी पोल खुल गई है। शहर के नालों से कूड़ा कर्कट और मलबा सड़कों पर आकर बिखर गया है। इससे राहगीरों व वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साल की तरह इस बार भी शिमला में मानसून का आगाज तबाही के साथ हुआ है।
उधर, शिमला से सटे सोलन जिले में कुनिहार स्थित गंभर पुल भारी बारिश के बाद बीती रात फिर वाहनों के लिए बंद कर दिया गया। भारी बारिश के चलते गंभर पुल पर रात को भारी मलबा आ गया और पानी के तेज बहाव के कारण पुल की नींव खोखली हो गई, इससे पुल के गिरने का खतरा बना हुआ है। यह पुल कुनिहार को नालागढ़ से जोड़ता है।
राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार भूस्खलन से राज्यभर में चार सड़कें अवरुद्ध हुई हैं। किन्नौर में दो और कांगड़ा व कुल्लू में एक-एक सड़क ठप हो गई है। इसके अलावा चम्बा और मंडी जिलों में तीन-तीन बिजली ट्रांसफार्मर बंद पड़ गए हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक बीते 24 घंटे के दौरान शिमला के जुब्बड़हट्टी में 136 मिलीमीटर तो शिमला शहर में 84 मिलीमीटर बारिश हुई है। इसके अलावा गोहर में 42, अर्की में 40, मशोबरा में 38, कुफ़री व शिलारू में 24, सराहन व बरठीं में 22, ठियोग में 20 व करसोग में 18 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है।
अगले दो दिन के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले छह दिन राज्य में जमकर बरसात होगी। मौसम विभाग ने अगले दो दिन यानी 29 व 30 जून को राज्य के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जबकि पहली से 4 जुलाई तक येलो अलर्ट जारी किया गया है।