गया। प्रधानमंत्री ने बिहार के गयाजी से 13 हजार करोड़ रूपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंच पर उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री ने इस दौरान लाल किले के अपने भाषण में घुसपैठ की समस्या के समाधान के लिए बनाए जा रहे डेमोग्राफिक मिशन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से चुन-चुनकर सभी घुसपैठियों को देश से बाहर निकाला जाएगा। हम घुसपैठियों को लोगों के अधिकारों पर डाका डालने नहीं देंगे। प्रधानमंत्री ने संसद में पेश संविधान संशोधन विधेयक का उल्लेख कर कहा कि अब भ्रष्टाचार करने वाला जेल भी जाएगा और उसकी कुर्सी भी जाएगी। इससे जमानत पर बाहर घूमने वाले नेता चिंतित है और उनके दल इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में देश का प्रधानमंत्री भी आता है। इस कानून में मुख्यमंत्री और मंत्री भी शामिल किए गए हैं। इस कानून के बनने के बाद अगर कोई मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री गिरफ्तार होता है तो उसे 30 दिन के भीतर जमानत लेनी होगी और अगर जमानत नहीं मिली तो 31वें दिन उसे कुर्सी छोड़नी पड़ेगी।” उन्होंने कहा कि संविधान हमसे ईमानदारी और पादर्शिता की मांग करता है। हम इसे तार-तार होते नहीं देख सकते। पिछले 11 वर्षों की सरकार में एक भी भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आया है। जबकि आज़ादी के बाद कांग्रेस की सरकारें जो 60–65 साल तक सत्ता में रहीं, उनके भ्रष्टाचारों की एक लंबी सूची है। विधेयक का विरोध कर रही कांग्रेस, लेफ्ट और राजद पर निशाना साधते हुए उन्होंने पूछा कि इनके नेताओं के ऐसे रवैये से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कैसे मजबूत होगी। 50 घंटे जेल में रहने पर एक अफसर सेवा से स्वत: निलंबित हो जाता है लेकिन मंत्री जेल में बैठकर फाइलें साइन करते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार के गयाजी में राजनीतिक रैली को संबोधित किया। इसमें उन्होंने राज्य के सीमावर्ती इलाकों में बदल रही जनसांख्यिकी का मुद्दा उठाया और इस संबंध में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वाम दलों पर वोटबैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह दल बिहार के लोगों का अधिकार घुसपैठियों को देना चाहते हैं। हम, घुसपैठियों को लोगों के अधिकारों पर डाका डालने नहीं देंगे।