श्रीलंकाई नौसेना ने 32 भारतीय मछुआरों काे पकड़ा

रामेश्वरम : श्रीलंकाई नौसेना की गिरफ्त में तमिलनाडु के मछुआरों की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर रामेश्वरम के मछुआरों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इन मछुआराें ने श्रीलंका की नाैसेना से

मछुआराें की रिहाई के लिए केन्द्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।

दरअसल, रामनाथपुरम जिले के रामेश्वरम के मछली पकड़ने वाले बंदरगाह से 470 से अधिक माेटरबाेटों से तीन हजार मछुआरे पूर्व अनुमति पत्र लेकर दाे दिन पूर्व पाक जलडमरूमध्य के लिए रवाना हुए थे। इसी दाैरान श्रीलंकाई नौसेना के जवान गश्ती नौकाओं पर सवार होकर अचानक उस क्षेत्र में पहुंचे और मछुआरों को भगाया। श्रीलंका की नाैसेना के जवानाें ने मछली पकड़ने वाली भारतीय माेटर नौकाओं का पीछा किया और पांच माेटरबाेटाें काे राेक कर उन पर सवार सभी 32 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही उनकी पांचाें मोटरबोट भी जब्त कर लीं।

श्रीलंकाई नौसेना की इस कार्रवाई काे लेकर रामेश्वरम के मछुआरों में गहरा असंतोष है। साेमवार काे श्रीलंकाई नाैसेना की इस कार्रवाई के विराेध में रामेश्वरम के मछुआराें ने साेमवार से सात साै से अधिक माेटरबाेटाें का परिचालन स्थगित कर अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इससे मछली पकड़ने के उद्योग में लगे लगभग दस हजार से अधिक श्रमिक प्रभावित होंगे। मछुआराें के संघ ने केंद्र सरकार से मछुआरों और उनकी नौकाओं की रिहाई के लिए तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है। मछुआरा संघों का कहना है कि राज्यव्यापी मछुआरों की हड़ताल के संबंध में अगले कुछ दिनों में घोषणा की जाएगी।

रामेश्वरम मछुआरा संघ के अध्यक्ष सागायम के अनुसार श्रीलंकाई नौसेना ने रामेश्वरम के 32 मछुआरों और 5 माेटरबाेट की रिहाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक यह जारी रहेगी। इस हड़ताल से प्रतिदिन 1 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।

इससे पहले रामेश्वरम मछली पकड़ने के बंदरगाह पर रविवार काे इस संबंध में नौका संघों की एक आपातकालीन बैठक हुई। बैठक में श्रीलंकाई नौसेना की इस कार्रवाई की निंदा की गई और गिरफ्तार मछुआरों की रिहाई की मांग की गई। बैठक में साेमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया।

जानकारी के अनुसार गिरफ्तार मछुआरों और जब्त नौकाओं को श्रीलंका के तलाईमन्नार नौसैनिक अड्डे पर ले जाया गया और वहां इनकी जांच की गई। इसके बाद उसे आगे की कार्रवाई के लिए मन्नार मत्स्य विभाग के अधिकारियों को सौंप दिया गया और उन्हें काेर्ट में पेश किया गया।

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