नई दिल्ली। भारत ने चक्रवातीय तूफान दित्वा से आई भीषण बाढ़ और जानमाल के नुकसान का सामना कर रहे श्रीलंका को मदद के लिए तीन दिन से जारी सहायता अभियान ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ में अब तक 53 टन राहत सामग्री भेजने के साथ ही विभिन्न देशों के 150 से अधिक लोगों को बचाया है। इसके अलावा खराब मौसम के कारण फंसे हुए 2 हजार से अधिक भारतीयों को स्वदेश लाया गया है। विदेश मंत्रालय ने 28 नवंबर से चल रहे ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ में अब तक के राहत एवं बचाव कार्य की सोमवार को यहां जानकारी दी। भारत ने श्रीलंका में राहत एवं बचाव कार्यों के संचालन में मदद के लिए विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को तैनात किया है। मंत्रालय का कहना है कि भारत जरूरत के समय में श्रीलंका की सरकार और लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है और बचाव राहत और जल्द से जल्द सामान्य जीवन की बहाली के लिए हर संभव सहायता दे रहा है। मंत्रालय ने बताया कि बचाव कार्य में सुरक्षित निकाले गए नागरिक श्रीलंका, भारत, जर्मनी, स्लोवेनिया, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, पोलैण्ड, बेलारूस, ईरान, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और बांग्लादेश के थे। फंसे भारतीय नागरिकों को भी भारतीय वायुसेना के विशेष विमानों के साथ-साथ वाणिज्यिक उड़ानों के माध्यम से निकाला गया। भारत की ओर से श्रीलंका को अबतक कुल 53 टन राहत सामग्री भेजी गई है। सबसे पहले आगे आते हुए भारत ने ने तुरंत कोलंबो में भारतीय नौसेना के दो जहाजों से 9.5 टन राशन दिया और 31.5 टन राहत सामग्री एयरलिफ्ट करने के लिए भारतीय वायुसेना के तीन विमान भेजे। ऑन-साइट ट्रेनिंग के लिए 5 लोगों की मेडिकल टीम, और बचाव के कामों में मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 80 लोगों की स्पेशल अर्बन सर्च एंड रेस्क्यू (यूएसएआर) टीमें भेजी गईं। भारतीय नौसैनिक पोत सुकन्या पर 12 टन अतिरिक्त राहत सामग्री भेजी गई। श्रीलंकाई वायु सेना के साथ समन्वय में, आईएनएस विक्रांत पर तैनात चेतक हेलीकॉप्टरों और भारतीय वायु सेना के एमआई.-17 हेलीकॉप्टरों ने व्यापक बचाव अभियान चलाया, जिसमें गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और गंभीर रूप से घायल लोगों सहित फंसे हुए लोगों को निकाला गया।
