नौसेना ने दिखाई आसमानी ताकत में अपनी ‘आत्मनिर्भरता’

बेंगलुरु। भारतीय नौसेना एयरो इंडिया के दौरान एक विजन दस्तावेज पेश कर रही है, जिसमें ‘आत्मनिर्भरता’ के लक्ष्य को आगे बढ़ाने का खाका तैयार किया गया है। नौसेना के कैप्टन विवेक मधवाल ने बताया कि विजन दस्तावेज में कहा गया है कि अब तक खरीदार रही नौसेना अब बिल्डर नौसेना में तब्दील हो गई है। भारतीय शिपयार्ड में 60 से अधिक युद्धपोतों का निर्माण किया जा रहा है। भारतीय नौसेना का उड्डयन भी तरक्की के मार्ग पर दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है। बेंगलुरु में हो रहा ‘एयरो इंडिया’ नौसेना विमानन को भविष्य की जरूरतों के लिहाज से खुद को प्रस्तुत करने के लिए मंच प्रदान कर रहा है। हथियारों की यह प्रदर्शनी उपयोगकर्ताओं, अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठानों, शिक्षाविदों, उद्योग भागीदारों, एमएसएमई और स्टार्टअप्स को विमानन के क्षेत्र में 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनाने का सुनहरा मौका दे रही है। इसे ‘आत्मनिर्भर भारतीय नौसेना उड्डयन-तकनीकी रोड मैप 2047’ नाम दिया गया है। भारतीय नौसेना जमीन से लेकर दूर ऊंचे समुद्रों और विशाल महासागरों में काम करती है, इसलिए आम लोगों को भारतीय नौसेना के विमानन प्लेटफार्मों के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। एयरो इंडिया के दौरान आम जनता को विभिन्न प्रकार के नौसैनिक विमानों का प्रदर्शन करके उनसे परिचित कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का यह आयोजन किसी भी नौसेना विमानन प्लेटफ़ॉर्म में अनिवार्य रूप से आवश्यक तीन एस- सिस्टम, स्ट्रक्चर और सॉफ़्टवेयर के संबंध में है।

कैप्टन मधवाल ने बताया कि भारतीय नौसेना विमानन की भविष्य की आवश्यकताओं को प्रोजेक्ट करने के लिए 12 फरवरी को एयरो इंडिया के दौरान ‘आत्मनिर्भर भारतीय नौसेना विमानन में परिवर्तन-2047 और इससे जुड़े पारिस्थितिकी तंत्र’ पर एक सेमिनार भी होगी। भविष्य की थीम स्वतंत्रता दिवस के शताब्दी वर्ष तक आत्मनिर्भरता पर केंद्रित है। पिछले कुछ वर्षों में अपने दायरे, कद और परिमाण में वृद्धि के साथ एयरो इंडिया 2025 नौसेना विमानन के विकास और सशक्तीकरण और राष्ट्र के रक्षा बलों की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम साबित होगा।

उन्होंने बताया कि इंडिया पैवेलियन में मिग-29के चौथी पीढ़ी के वाहक लड़ाकू विमान, कामोव 31 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग हेलीकॉप्टर, सीकिंग 42बी और एमएच 60 आर एंटी-सबमरीन और एंटी-शिप हेलीकॉप्टर शामिल हैं। इसके अलावा भारतीय नौसेना ने प्रदर्शनी क्षेत्र में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (नौसेना) को भी प्रदर्शित किया है। इस विमान को एयरोनॉटिकल डिज़ाइन एजेंसी ने डिज़ाइन और एचएएल ने निर्मित किया है। स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर एलसीए (नौसेना) की सफल लैंडिंग ने भारत को डेक बोर्न फाइटर एयरक्राफ्ट को डिजाइन करने, विकसित करने, परीक्षण करने और निर्माण करने की क्षमता वाले कुछ देशों की श्रेणी में ला खड़ा किया है।

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