आदिवासी बेटियों को खुद बचानी होगी इज्जत : बाबूलाल मरांडी

रांची। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य की जनजाति समाज से जुड़ी महिलाओं, बेटियों को अपनी इज्जत खुद बचाने को आगे आने को कहा है। राज्य सरकार को भी निशाने पर लिया है। बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार काे मीडिया (फेसबुक) पर एक अखबार में प्रकाशित एक खबर को साझा करते कहा कि संथाल परगना की एक और बेटी दुष्कर्म की भेंट चढ़ गई। शाहीद अनवर नाम के दरिंदे ने साहिबगंज की 15 वर्षीय नाबालिग युवती से दुष्कर्म किया। इससे आहत होकर पीड़िता ने अपनी जान दे दी। दुमका की बेटी अंकिता, साहिबगंज की बेटी रुबिका पहाड़िया के साथ हुई। हैवानियत की रूह कंपा देने वाली यादें जनता में अभी तक ताजा हैं। साहिबगंज जिले की इस हृदय विदारक घटना ने फिर से उन्हीं जख्मों को कुरेदने का काम किया है।

बाबूलाल ने कहा कि दिलदार अंसारी, मो. शाहरुख, शाहिद अनवर जैसे कौम विशेष के दरिंदे गरीब आदिवासी लड़कियों को हवस का शिकार बना रहे हैं। बेटियों को कभी पेट्रोल डालकर जिंदा जलाया जा रहा है, तो कभी टुकड़ों में काटकर फेंक दिया जा रहा है। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बजाय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड मुस्लिम मोर्चा की सरकार वहशी दरिंदों को बचाने के लिए हमेशा आगे आई है। मुसलमानों का वोटबैंक खिसकने के डर से हेमंत सोरेन ने कभी भी खुलकर इन शर्मनाक घटनाओं की निंदा तक नहीं की, आरोपियों पर कठोर कारवाई करना तो दूर की बात है।

ताजा प्रकरण में भी मुख्य आरोपित शाहिद अनवर और उसके परिवार के 15-16 सदस्यों ने पीड़िता और उसके घरवालों के साथ मारपीट कर बर्बाद करने की धमकी दी, फिर आराम से सभी फरार भी हो गए। एक साथ आरोपित का पूरा परिवार बिना पुलिस प्रशासन के मिलीभगत और सरकार के संरक्षण के फरार नहीं हो सकता। बाबूलाल ने अपील करते कहा है कि आदिवासी समाज को समझना होगा कि मुसलमानों की गोद में बैठकर राजनीति करने वाले हेमंत कभी भी आदिवासी बेटियों को न्याय नहीं दिला सकते। आदिवासी समाज को अपनी बेटियों की इज्जत बचाने के लिए खुद आगे आना होगा।

जानकारी के अनुसार साहेबगंज जिले के राधानगर थाना क्षेत्र में एक किशोरी ने रविवार को दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पड़ोसी शाहीद ने 15 अगस्त को उसके साथ दुष्कर्म किया था। 18 अगस्त को पंचायत बैठी। इसमें आरोपित ने अपराध स्वीकार किया। इसके बाद आरोपित पक्ष पर 1.35 लाख रुपये का दंड लगाया गया, जिसे लड़की के परिजनों ने स्वीकार नहीं किया। इसके बाद लड़की ने जान दे दी। आरोपित लड़का और उसके परिजन फरार हैं। पुलिस आरोपितों की तलाश में छापेमारी कर रही है।

One thought on “आदिवासी बेटियों को खुद बचानी होगी इज्जत : बाबूलाल मरांडी

  1. इस तरह की घटनाएँ बहुत ही निंदनीय हैं। लड़कियाँ चाहे आदिवासी समाज की हो या फिर किसी भी समाज से हों। सभी की अपनी आत्म सम्मान होती है । हमे भी सभी के आत्म-सम्मान की रक्षा करनी चाहिए। कहीं ना कहीं जागरूकता की कमी है।मर जाना या मार देना समाधान तो नहीं ।

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