कुड़मी समाज के एसटी में शामिल करने की मांग को आदिवासियों ने निकाली आक्रोश रैली

बोकारो ; बुधवार को आदिवासी समाज ने कुर्मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने की मांग के विरोध में एक विशाल आक्रोश रैली निकाली। जिले के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग बिरसा मुंडा नया मोड़ चौक पर एकत्रित हुए और जुलूस के रूप में उपायुक्त कार्यालय पहुंचे। इस दौरान सरकार को चेतावनी दी गई कि उनकी संस्कृति, पहचान और अधिकारों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
रैली के दौरान आदिवासी संगठनों ने सरकार को चेताया कि वे अपनी संस्कृति, पहचान और परंपरा से समझौता नहीं करेंगे। नेताओं ने कहा कि कुर्मी समाज को एसटी सूची में शामिल करने की मांग आदिवासी हक और अस्तित्व पर हमला है। मौजूद लोगों ने कहा कि कुड़मी समाज से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन जब हमारी पूजा-पद्धति, भाषा, रहन-सहन और परंपरा अलग है, तो उन्हें आदिवासी कैसे माना जा सकता है? जंगल और प्रकृति से हमारा रिश्ता है, यही हमारी पहचान है। इस पर किसी तरह की चोट बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
रैली में जयपाल नगर, बिरसा वासा, गुमला नगर, बांसगौड़ा और जिहादगढ़ जैसे इलाकों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। भीड़ की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी। डीसी कार्यालय परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। पुलिस ने अतिरिक्त बलों की तैनाती की थी। आदिवासियों ने डीसी को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा बता दें कि यह रैली राज्यव्यापी आदिवासी आक्रोश महारैली अभियान का भाग है, जो 19 सितंबर को चाईबासा से शुरू हुई थी और यह 25 अक्टूबर को घाटशिला में समाप्त होगी.

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