बालू माफिया की करतूतों से परेशाान ग्रामीणों ने एक दर्जन हाइवा को पकड़ कर किया प्रशासन के हवाले

खूंटी। बालू माफिया की करतूतों से आजिज ग्रामीणों को रेत की तस्करी बंद करने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा। ग्रामीणों ने मंगलवार की देर रात चार बालू लदे हाइवा सहित 12 हाइवा को पकड़ कर प्रशासन के हवाले कर दिया। जानकारी के अनुसार मंगलवार की रात बाल लादने के लिए एक दर्जन हाइवा तोरपा थाना क्षेत्र के उकड़ीमाड़ी गांव गये थे। ग्रामीणाें की इसकी भनक लगी और दर्जनों ग्रामीण जमा हो गये और उकड़ीमाड़ी और गिड़ूम गोव बीच एक दर्जन हाइवा को घेर लिया और इसकी जानकारी तोरपा की अंचल अधिकारी पूजा बिन्हा और थाना प्रभारी प्रभात रंजन पांडेय को फोन से इसकी सूचना दी। अंचलाधिकारी और थाना प्रभारी रात को ही वहां पहुंच गये और बुधवार को सुबह सभी हाइवा को तोरपा थाना लाया गया।

इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि कई बार प्रशासन को बालू की तस्करी रोकने की मांग की गई थी, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किये जाने पर ग्रामीणों ने खुद बालू के अवैध उत्खनन और परिवहन पर रोक लगाने का निर्णय लिया और मंगलवार रात को एक दर्जन हाइवा को जब्त कर प्रशास को सुपुर्द कर दिया। समाचार लिखें जाने तक तोरपा थाने में इसको लेकर प्राथामिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही थी। ग्रामीणों का कहना है कि बालू की अंधाधुंध निकासी से एक ओर जहां नदियों का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है, वहीं तोरपा प्रखंड के जिन क्षेत्रों से बालू का अवैध परिवहन होता है, उस इलाके की सड़कें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं।

तोरपा से हर दिन होती है 70-80 हाइवा बालू की तस्करी

तोरपा, कर्रा, रनिया और जरियागढ़ थाना क्षेत्र की नदियों से बालू की तस्करी कोई नहीं बात नहीं है। पिछले आठ-दस वर्षों से नदियों से बालू का अवैध उत्खनन और परिवहन का सिलसिला जारी है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी प्रशासनन को नहीं है। बालू की तस्करी में संलिप्त माफिया भी दबी जुबान से स्वीकार करते हैं कि इसके लिए उन्हें हर महीने मोटी रकम चढ़ावा के रूप में देनी पड़ती है। यदि कोई बालू का अवैध कोरोबारी रकम नहीं देता है, तो इसकी गााड़ी को जब्त कर लिया जाता और थाने में मामला दर्ज कर दिया जाता है। तोरपा क्षेत्र की कारो नदी, छाता नदी सहित अन्य नदियों से बालू के अंधाधुंध और अवैैज्ञानिक उत्खनन से कई नदियों का अस्तित्व पर संकट गहराता जा रहा है।

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