नयी दिल्ली : झारखंड का प्राकृतिक सौंदर्य और व्यंजन देश की पहचान बन सकते हैं। इस दिशा में राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इस प्रयास में देश-दुनिया के खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों से जुड़े उद्यमियों से विशेष रुचि लेने और भागीदारी की अपील की गई है। “स्वादिष्ट भोजन, स्वस्थ शरीर” झारखंड सरकार का मिशन है, और इस मिशन से जुड़ने की अपील सभी उद्यमियों से की गई है।
उद्योग मंत्री संजय प्रसाद यादव ने गुरुवार को दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 में झारखंड मंडप का उद्घाटन करते हुए यह बातें कहीं। इस एक्सपो में देश के सभी राज्य, अन्य देश और निजी कंपनियाँ भाग ले रही हैं। फूड और प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जुड़ी संस्थाएँ इस मंच के माध्यम से अपने उत्पादों और तकनीकों का प्रदर्शन कर रही हैं। इसी क्रम में झारखंड उद्योग विभाग द्वारा भी अपना मंडप स्थापित किया गया है। मंत्री ने कहा कि झारखंड अपने अनेक पारंपरिक खाद्य पदार्थों के लिए जाना जाता है। यहाँ उत्पादित मडुआ (रागी) अत्यंत पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होता है। मडुआ की रोटी और इससे बनने वाले अन्य व्यंजन आज देश-दुनिया में लोकप्रिय हो रहे हैं। इसके अलावा उड़द दाल से बनने वाले व्यंजन भी स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। कई स्थानीय और क्षेत्रीय व्यंजन ऐसे हैं जिन्हें अपनाकर स्वाद और स्वास्थ्य दोनों को नया आयाम दिया जा सकता है।झारखंड वनों से प्राप्त उत्पादों के लिए भी जाना जाता है। खाद्य पदार्थों के अलावा राज्य का तसर (कोसा) भी वैश्विक स्तर पर पहचान रखता है। मंत्री ने यह भी कहा कि आज के समय में मिलावट और नकली उत्पादों की बढ़ती प्रवृत्ति चिंता का विषय है। इससे निपटने के लिए मौलिक और प्राकृतिक खाद्य उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देना आवश्यक है।
उन्होंने झारखंड के नागरिकों से अपील की कि वे स्थानीय खाद्य पदार्थों की खपत बढ़ाएं और उनकी विशेषताओं को देश-दुनिया तक पहुँचाएं, ताकि अन्य लोग भी इनके लाभों को समझ सकें और इन्हें अपनाएँ। इस अवसर पर झारखंड के उद्योग निदेशक विशाल सागर भी उपस्थित थे।