नई दिल्ली । देशभर के करीब 200 अग्रणी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के चयन प्रक्रिया संबंधी बयान की आलोचना करते हुए एक खुला पत्र लिखा है। कुलपतियों ने पत्र के माध्यम से राहुल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक्स हैंडल और अन्य स्रोतों से हमारे संज्ञान में आया है कि कुलपतियों की नियुक्ति योग्यता की बजाय पूरी तरह से किसी संगठन से संबद्धता के आधार पर की जाती है, जिससे योग्यता पर सवाल उठता है। कुलपति और अन्य वरिष्ठ शिक्षाविदों ने संयुक्त बयान में राहुल गांधी के बयान को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया योग्यता के आधार पर पारदर्शी तरीके से चल रही है। साथ ही, कुलपति अपने कार्य में संस्थानों के सम्मान और नैतिकता का भी ख्याल रखते हैं। यह भी कहा जाता है कि अगर वैश्विक रैंकिंग पर नजर डालें तो भारतीय विश्वविद्यालयों में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। इस बीच, संयुक्त बयान पर 180 कुलपतियों और शिक्षाविदों के हस्ताक्षर हैं। हस्ताक्षरकर्ताओं में संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी, एनसीईआरटी, नेशनल बुक ट्रस्ट, एआईसीटीई और यूजीसी आदि के प्रमुख भी शामिल हैं। कुलपतियों का पत्र कांग्रेस नेता की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि इन पदों पर चयन प्रक्रिया पक्षपातपूर्ण थी। नागपुर में आयोजित कांग्रेस के 138वें स्थापना दिवस समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लेकर बड़ा बयान दिया कि देश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति अयोग्य हैं। इनका चयन एक खास विचारधारा के संगठन के तौर पर ही किया गया है।