रांची : भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने हाल ही में जारी कैग रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए झारखंड सरकार और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर ने कैग को प्रशासनिक प्रणाली का सबसे महत्वपूर्ण अंग बताया था, जो लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक अटूट दीवार की तरह कार्य करता है। उन्होंने 2012 में यूपीए सरकार के खिलाफ कैग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह संस्था सच उजागर करने का कार्य करती रही है।
अजय साह ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के उस बयान की कड़ी आलोचना की, जिसमें उन्होंने कैग रिपोर्ट की जांच कराने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत कैग को पूरे देश के खातों की जांच का अधिकार सौंपा गया है, लेकिन अब झारखंड में एक मंत्री ही इस संस्था के रिपोर्ट की जांच की मांग कर रहे हैं। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि झारखंड सरकार के मंत्री खुद को संविधान से भी ऊपर समझने लगे हैं।
साह ने रविवार को कहा कि कांग्रेस-जेएमएम के नेता समय के अनुसार संवैधानिक संस्थाओं का मूल्यांकन करते हैं। जब कोई फैसला उनके पक्ष में आता है, तो वे इसे लोकतंत्र की जीत बताते हैं, लेकिन जब फैसला उनके खिलाफ जाता है, तो वे इसे लोकतंत्र विरोधी करार देते हैं। संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने की यह प्रवृत्ति पहले चुनाव आयोग, फिर सुप्रीम कोर्ट और अब कैग तक पहुंच चुकी है।
साह ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें कैग रिपोर्ट की जांच करने के बजाए अपने विभाग की जांच करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड का स्वास्थ्य विभाग गंभीर संकट में है और मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री ने इसे आईसीयू में पहुंचा दिया है।
कहीं ऐसा ना हो कि हमेशा विवादित बयान देने वाले बड़बोले स्वास्थ्य मंत्री अपनी पार्टी और मुख्यमंत्री के लिए और सर दर्द बन जाए ।