शांति, समृद्धि और प्रगति का प्रतीक बनाने का मणिपुर का है लक्ष्य : मोदी

चूड़ाचांदपुर। प्रधानमंत्री ने मणिपुर के चूड़ाचांदपुर में 7,300 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं के शिलान्यास के बाद एक जनसभा में कहा, “मैं सभी संगठनों से अपील करता हूं कि वे शांति के रास्ते पर चलकर अपने सपनों को पूरा करें। भारत सरकार मणिपुर के लोगों के साथ है और हर कदम पर उनके साथ खड़ी है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें संतोष है कि हाल ही में हिल्स और वैली के अलग-अलग समूहों के साथ समझौतों की दिशा में बातचीत हुई है। ये प्रयास भारत सरकार की उस नीति का हिस्सा हैं, जिसमें संवाद, सम्मान और आपसी समझ को महत्व देते हुए स्थायी शांति स्थापित करने का संकल्प है। प्रधानमंत्री ने जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया, उनमें 3,600 करोड़ रुपये की मणिपुर की शहरी सड़कें, जल निकासी और परिसंपत्ति प्रबंधन सुधार परियोजना, 2,500 करोड़ रुपये की पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं, मणिपुर इन्फोटेक डेवलपमेंट (एमआईएनडी) परियोजना और नौ स्थानों पर कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं हिल्स और ट्राइबल समाज के जीवन को और बेहतर बनाने में मदद करेंगी। मोदी ने कहा कि मणिपुर की धरती हौसले और हिम्मत की धरती है। भारी बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों के कार्यक्रम में पहुंचने पर उन्होंने जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मौसम की वजह से जब उनका हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका, तो वे सड़क मार्ग से चूड़ाचांदपुर पहुंचे और रास्ते भर लोगों ने तिरंगा लहराकर उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा, “मुझे जो गर्मजोशी और प्यार मिला, उसे मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा। मैं मणिपुर के लोगों के प्रति सम्मानपूर्वक सिर झुकाता हूं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यहां कनेक्टिविटी हमेशा से बड़ी चुनौती रही है। वर्ष 2014 के बाद से केंद्र सरकार ने राज्य में सड़क और रेल संपर्क को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान दिया है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर हाल के वर्षों में 3,700 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जबकि 8,700 करोड़ रुपये की लागत से नई परियोजनाओं पर काम जारी है। जीरीबाम-इंफाल रेलवे लाइन बहुत जल्द इंफाल को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ देगी, जिससे राज्य की आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी। मोदी ने कहा कि पहले मणिपुर के गांवों तक पहुंचना बेहद मुश्किल था, लेकिन अब सैकड़ों गांवों में सड़क कनेक्टिविटी पहुंच चुकी है। भारत सरकार ने गरीबों के लिए पक्के घर बनाने की योजना चलाई, जिसका लाभ मणिपुर के हजारों परिवारों को भी मिला है। अब तक यहां करीब 60 हजार घर बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में जल जीवन मिशन के तहत देशभर में करोड़ों घरों को नल से जल उपलब्ध कराया गया है। मणिपुर में भी 7-8 साल पहले केवल 25-30 हजार घरों तक पाइपलाइन से पानी पहुंचता था, जबकि अब यह संख्या बढ़कर साढ़े तीन लाख से अधिक हो गई है। मोदी ने कहा कि आजादी के बाद दशकों तक मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्रों में एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं था, लेकिन अब चूड़ाचांदपुर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो चुकी है। उन्होंने कहा कि पीएम-दिव्य योजना के तहत पांच पहाड़ी जिलों में आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का विकास किया जा रहा है। आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से गरीबों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। अकेले मणिपुर में ढाई लाख से अधिक मरीज इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। देशभर में हो रहे विकास कार्यों का सीधा लाभ मणिपुर को भी मिल रहा है। पहले दिल्ली में लिए गए फैसलों को मणिपुर तक पहुंचने में दशकों लग जाते थे, लेकिन अब राज्य भी देश के साथ कदम से कदम मिलाकर प्रगति कर रहा है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में मणिपुर की प्राकृतिक सुंदरता और यहां के लोगों की मेहनत का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर के नाम में ही मणि है, और यह मणि नॉर्थ-ईस्ट की चमक को और बढ़ाने वाली है। उन्होंने आश्वस्त किया कि भारत सरकार राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयासरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर के पहाड़ी और आदिवासी इलाकों में अब अच्छे स्कूल और अस्पताल हकीकत बन रहे हैं। यह बदलाव केवल योजनाओं का हिस्सा नहीं, बल्कि मणिपुर के लोगों की जीवनशैली में सुधार की गारंटी है। अपने पूरे भाषण में प्रधानमंत्री ने जहां एक ओर विकास कार्यों का उल्लेख किया, वहीं दूसरी ओर शांति और आपसी समझ के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि मणिपुर की असली ताकत यहां की एकता और जज्बा है। भारत सरकार का पूरा प्रयास रहेगा कि इस ताकत को विकास और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ाया जाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को मणिपुर के सभी संगठनों से अपील की कि वे बच्चों के सुरक्षित भविष्य और राज्य की प्रगति के लिए शांति का मार्ग अपनाएं। विकास के लिए शांति का मार्ग सर्वोपरि है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का लक्ष्य मणिपुर को शांति, समृद्धि और प्रगति का प्रतीक बनाना है।

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