रायपुर। माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है। संगठन के केंद्रीय कमेटी मेंबर (सीसीएम) भूपति उर्फ सोनू दादा ने सोमवार को अपने 60 साथियों के साथ महाराष्ट्र के गढ़चिरौली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। भूपति पर 1.5 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण करने वालों में से 50 नक्सलियों ने हथियार समेत सरेंडर किया है। इनमें तीन डीकेएसजेडसी (डींडकारी जोनल कमेटी) सदस्य और 10 डीवीसीएम (डिविजनल कमेटी मेंबर) भी शामिल हैं। वह पिछले दो दशकों से माओवादी आंदोलन का रणनीतिक चेहरा माना जाता था और छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र की पुलिस उसके पीछे थी। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, यह आत्मसमर्पण केंद्र सरकार की “मिशन 2026” नीति की बड़ी सफलता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में 2026 तक नक्सलवाद के पूरी तरह खात्मे का लक्ष्य तय किया था। पिछले कुछ वर्षों में सरकार के लगातार दबाव के चलते किशनजी एनकाउंटर में मारा गया, उसकी पत्नी सुजाता और अब भाई सोनू दादा ने आत्मसमर्पण कर दिया। इससे पहले छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में 71 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिनमें 21 महिलाएं और 50 पुरुष शामिल थे। इनमें से 30 नक्सलियों पर 64 लाख रुपये का इनाम घोषित था। बीते डेढ़ साल में करीब 400 नक्सली मारे गए हैं, जिनमें अधिकांश बस्तर क्षेत्र के हैं।