हजारीबाग। जिले में सरकारी जमीन की अवैध खरीद-बिक्री से जुड़े बहुचर्चित जमीन घोटाले में बुधवार को बड़ी कार्रवाई में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने तत्कालीन सदर सीओ शैलेश कुमार को रांची से गिरफ्तार कर लिया गया । न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। अधिवक्ता अरविंद कुमार राणा ने बताया कि गिरफ्तारी के समय आरोपी ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया और बीपी की शिकायत होने की बात कही। हालांकि कोर्ट ने जेल में इलाज कराने की सलाह देते हुए उन्हें जेल भेज दिया। गौरतलब है की तत्कालीन उपायुक्त विनय कुमार चौबे के कार्यकाल से जुड़ा है। भ्रष्टाचार निवारण वाद संख्या 11/2025 में कुल 73 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है, जिनमें 68 नामजद हैं। मामला 25 सितंबर 2025 को दर्ज किया गया था। आरोप है कि सरकारी भूदान, वन भूमि, गोचर और गैर मजरूवा भूमि का फर्जी कागजात बनाकर अवैध तरीके से खरीद-बिक्री कर जमाबंदी की गई। एफआईआर में आईपीसी की धाराएं 420, 467, 468, 471, 120(बी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) और 13(2) लगाई गई हैं। प्रमुख अभियुक्तों में तत्कालीन अंचल अधिकारी शैलेश कुमार, अलका कुमारी, अंचल निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद सिंह, राजस्व कर्मचारी राम प्रकाश चौधरी और संतोष कुमार वर्मा शामिल हैं। 11 सितंबर 2024 को एसीबी ने शैलेश कुमार के आवास और कार्यालय पर छापेमारी कर गिरिडीह स्थित उनके भाई की दुकान से 18 लाख नकद बरामद किया था। शैलेश कुमार ईडी के सरकारी गवाह के रूप में एक अन्य प्रकरण में भी शामिल हैं। इससे पहले इस घोटाले में विनय सिंह और विजय प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है। अलका कुमारी को 7 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्होंने सरकारी गवाह बनने की सहमति देने के बाद न्यायालय में बयान दर्ज कराने के बाद रिहा कर दिया गया। एसीबी अब अन्य अभियुक्तों की भूमि दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच कराने की तैयारी में है।