हाईकोर्ट ने झारखंड सीजीएल परीक्षा के रिजल्ट पर रोक बरकरार रखी, जेएसएससी ने कहा- पेपर लीक का नहीं मिला कोई साक्ष्य

रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) परीक्षा के परिणाम के प्रकाशन पर लगाई गई अंतरिम रोक को बरकरार रखा है। परीक्षा में कथित पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर बुधवार को चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की बेंच में करीब दो घंटे तक सुनवाई चली। इस दौरान राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन और जेएसएससी के अधिवक्ता संजॉय पिपरवाल ने कहा कि अब तक की जांच परीक्षा में पेपर लीक का कोई साक्ष्य नहीं मिला है। सीआईडी की ओर से मामले की जांच की जा रही है, लेकिन ऐसा कोई प्रमाण नहीं सामने आया है, जिसके आधार पर इसकी जांच सीबीआई को सौंपी जाए। जेएसएससी के अधिवक्ता संजॉय पिपरवाल ने कहा कि यह पूरा विवाद कोचिंग माफियाओं द्वारा प्रायोजित किया गया है ताकि भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित किया जा सके। अदालत ने इस मामले में याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों का पक्ष सुनने के लिए अगली सुनवाई की तारीख 29 अक्टूबर निर्धारित की है। उल्लेखनीय है कि 21 और 22 सितंबर, 2024 को झारखंड के विभिन्न जिलों में 823 परीक्षा केंद्रों पर जेएसएससी सीजीएल परीक्षा आयोजित की गई थी। लगभग 3 लाख 4 हजार 769 अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हुए थे। परिणाम के आधार पर आयोग ने 5 दिसंबर, 2024 को 2145 अभ्यर्थियों की शॉर्टलिस्ट जारी की थी। हालांकि, परिणाम जारी होने के बाद परीक्षा में पेपर लीक और अनियमितताओं के आरोप लगने लगे। इसके बाद राजेश कुमार और अन्य याचिकाकर्ताओं ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 17 दिसंबर, 2024 को परीक्षा परिणाम के प्रकाशन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि पेपर लीक से संबंधित शिकायतों पर परीक्षा संचालन अधिनियम, 2023 के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। निर्देश के बाद राज्य का अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) इस मामले में जांच कर रहा है।

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