दुनिया का पहला एआई-संचालित म्यूचुअल फोटो शेयरिंग ऐप बिलियन हार्ट्स ने किया लॉन्च

बेंगलुरु। पिकसी के संस्थापक मयंक बिदावतका ने बताया कि जुलाई के मध्य में एक सफल सॉफ्ट लॉन्च किया था, जिसके बाद अब पिकसी के 27 देशों और 160 से अधिक शहरों में उपयोगकर्ता हैं और यह यह अपने पब्लिक बीटा के साथ आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया है। उन्होंने कहा कि हर साल खरबों तस्वीरें खींची जाती हैं और भुला दी जाती हैं। दोस्तों की गैलरी में छिपी ये यादें अक्सर उन लोगों तक वापस नहीं पहुंचतीं, जिनकी वे तस्वीरें हैं।पिकसी एक अनोखे ‘देकर पाओ’ फोटो एक्सचेंज मॉडल के ज़रिए इस समस्या को सुलझाता है, जहाँ यूज़र्स को उनकी खुद की अनदेखी तस्वीरें तुरंत मिल जाती हैं, जो उनके दोस्तों ने कभी खींची थीं। सॉफ्ट लॉन्च के बाद सिर्फ तीन महीनों में पिकसी के यूज़र्स की संख्या 75 गुना बढ़ गई है। यह पूरी ग्रोथ यूज़र्स द्वारा अपने दोस्तों को आमंत्रित करने से आई है। अब तक 1.5 लाख से अधिक तस्वीरें शेयर की जा चुकी हैं। दिलचस्प बात यह है कि 30 फीसदी यूज़र्स के पास पिकसी पर अपनी खुद की गैलरी से ज़्यादा तस्वीरें हैं।

पिकसी भविष्य में फोटो शेयरिंग का बदल देगा तरीका

पिकसी के संस्थापक बिदावतका ने कहा कि दुनिया में 15 ट्रिलियन से ज़्यादा तस्वीरें हैं और हर साल 2 ट्रिलियन नई क्लिक होती हैं, फिर भी इनका बड़ा हिस्सा कभी शेयर नहीं होता। लोग भूल जाते हैं या फिर उन्हें कोई वजह नहीं दिखती, क्योंकि उन्हें कुछ वापस नहीं मिलता। पिकसी इस समस्या का सबसे सुंदर समाधान है। यह दुनिया का पहला म्यूचुअल फोटो शेयरिंग ऐप है। यह एक ऐसा जादुई तरीका है, जिससे आप अपने दोस्तों से हजारों तस्वीरें पा सकते हैं, वह भी बिल्कुल सुरक्षित रूप से और बिना बार-बार याद दिलाए। व्हॉट्सऐप या पारंपरिक ऐप्स के विपरीत, इसमें आपको फोटो या लोगों को मैन्युअली चुनने की ज़रूरत नहीं है। पिकसी खुद-ब-खुद आपके दोस्तों को पहचानता है और शेयर करने के लिए फोटो तैयार करता है। यूज़र्स को 24 घंटे की रिव्यू विंडो भी मिलती है। उन्होंने कहा कि पिकसी दुनिया के सबसे व्यापक वास्तविक उपभोक्ता एआई अनुप्रयोगों में से एक है। करीब 4.8 अरब स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के इस युग में हर कोई फोटोग्राफर है और हर कोई अपनी कई तस्वीरों से वंचित है, जो दोस्तों ने खींची हैं। यह समस्या तकनीक की कमी नहीं, बल्कि मोटिवेशन की कमी की है।

उन्होंने बताया कि हमारी फेशियल रिकग्निशन तकनीक पूरी गोपनीयता बनाए रखते हुए किसी भी फोन पर आपकी तस्वीरें ढूँढ सकती है। तस्वीरें फोन पर ही रहती हैं और ट्रांसफर के दौरान एन्क्रिप्ट की जाती हैं। पिकसी उन्हें देख या स्टोर नहीं कर सकता। तस्वीरें हमारी यादें हैं। तस्वीरें इस बात का सबूत हैं कि हमने अपने प्रियजनों के साथ कुछ विशेष पल जीए। हर कोई उन यादों को पाना चाहता है और हम वही खुशी लौटाने आए हैं।

पिकसी कैसे काम करता है –

बिदावतका ने बताया कि पिकसी अपनी विशेष फेशियल रिकग्निशन तकनीक से यूज़र की गैलरी स्कैन करता है, दोस्तों को पहचानता है और एक पर्सनलाइज्ड इनवाइट भेजता है। जब दोस्त इनवाइट स्वीकार करते हैं, तो वे अपने फोन से उन तस्वीरों को शेयर करते हैं, जो उन्होंने पहले ली थीं। इस तरह एक स्मार्ट, सुरक्षित और म्यूचुअल एक्सचेंज बनता है। दोनों को 24 घंटे की समीक्षा अवधि मिलती है, जिसमें वे कोई भी तस्वीर शेयर होने से पहले हटा सकते हैं। यह पेटेंट-पेंडिंग सिस्टम सुनिश्चित करता है कि दोनों पक्षों को एक-दूसरे की तस्वीरें मिलें, वह भी बिना किसी मैन्युअल मेहनत और बिना गोपनीयता के समझौते के। पिकसी किसी इवेंट या क्यूआर कोड तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आपकी पूरी गैलरी और दुनिया के किसी भी दोस्त के साथ काम करता है। सीरियल उद्यमी एवं भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू के सह-संस्थापक मयंक बिदावतका की स्थापित बिलियन हार्ट्स सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजीज़ ने गुरुवार को बेंगलुरु में दुनिया का पहला एआई-संचालित म्यूचुअल फोटो शेयरिंग ऐप पिकसी(पिकसी) लॉन्च किया है। पिकसी को प्राइवेसी-फर्स्ट एप्रोच के साथ बनाया गया है और यह दुनिया के सबसे सुरक्षित फोटो ऐप्स में से एक है।

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