धनबाद।धनबाद, झरिया, बस्ताकोला, भालगढ़ा, तीसरा, डिगवाडीह, सुदामडीह, पाथरडीह, जोरापोखर सहित धनबाद के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु यहां पवित्र स्नान-दान के लिए पहुंचे और पारंपरिक रीति के अनुसार दामोदर नदी में आस्था की डुबकी लगाई तथा स्नान-दान कर मोक्ष प्राप्ति की कामना की। श्रद्धालु इसके बाद मुक्तिधाम स्थित मां काली मंदिर, हनुमान मंदिर और भगवान शिव मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर अपने परिवार की सुख-शांति, समृद्धि और मंगलमय जीवन के लिए प्रार्थना की। पुण्य अर्जन की इस परंपरा के तहत श्रद्धालुओं ने गरीबों एवं जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और अन्य दान की सामग्री वितरित की। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मोहलबनी घाट पर मेला जैसा दृश्य रहा। श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले, खिलौने और खान-पान के स्टॉल लगे रहे। जिला प्रशासन की ओर से भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को लेकर व्यापक इंतज़ाम किए गए। पुलिस बल की तैनाती, साफ-सफाई और चिकित्सा व्यवस्था के साथ स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी घाट पर सेवाएं दीं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान कर ध्यान और दान करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जहां से होकर गंगा नदी नहीं बहती है, वहां श्रद्धालु अन्य पवित्र नदियों या जलाशयों में स्नान कर इसी पुण्य की प्राप्ति करते हैं। कोयलांचल में दामोदर नदी को गंगा के समान ही पवित्र माना जाता है। इसलिए यहां हजारों श्रद्धालु हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर एकत्र होकर स्नान-दान और पूजा-पाठ करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को धनबाद से होकर बहने वाली दामोदर नदी स्थित मोहलबनी और लाल बंगला घाट पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही श्रद्धालुओं नदी तट की ओर बढ़ने लगे और पूरा इलाका हर-हर गंगे के जयघोषों से गूंज उठा।
