रांची : स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने मंगलवार को सभी जिलों के सिविल सर्जनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर 15वें वित्त आयोग की राशि से चल रही योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में विभाग के उप सचिव ध्रुव प्रसाद भी मौजूद रहे। इस बैठक का मुख्य फोकस स्वास्थ्य उपकेंद्रों के लिए जमीन चिन्हित करने की स्थिति की समीक्षा और वित्त आयोग की राशि से आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की खरीद प्रक्रिया को गति देना रहा. बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव ने जिलों से स्वास्थ्य उपकेंद्रों के लिए जमीन चिन्हित करने की वर्तमान स्थिति की विस्तृत जानकारी मांगी. उन्होंने बताया कि कई जिलों ने जमीन चिन्हित कर रिपोर्ट भेज दी है, लेकिन कुछ जिलों में प्रक्रिया अब भी लंबित है। देरी पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि जहां भी चिन्हितिकरण का कार्य अधूरा है. उसे तत्काल प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए और अधिकतम दो दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट विभाग को सौंप दी जाए. उन्होंने कहा कि उपकेंद्रों के निर्माण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. अपर मुख्य सचिव ने 15वें वित्त आयोग की राशि से उपकरण खरीद की प्रगति पर भी सिविल सर्जनों से जानकारी ली. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एक व्यापक योजना बनाई जा रही है. इसके तहत हर जिले को सीएचसी-वार रिपोर्ट सौंपनी होगी, जिसमें ईसीजी, सीटी स्कैन, एमआरआई सहित अन्य अत्यावश्यक मशीनों की वास्तविक जरूरत स्पष्ट रूप से दर्ज हो. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जरूरत के अनुसार मशीनों की खरीद कर उन्हें जिलों में भेजेगी, ताकि रोगी सेवाओं में सुधार हो और स्वास्थ्य संस्थानों की कार्यक्षमता बढ़े. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि उपकरण खरीद में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए. किसी भी स्तर पर देरी, अस्पष्टता या अधूरी रिपोर्ट स्वीकार नहीं की जाएगी. बैठक में अधिकारियों को यह भी बताया गया कि मशीनों की उपलब्धता से प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में गंभीर बीमारियों की जांचें तेजी से हो सकेंगी. जिससे मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी और बड़े अस्पतालों पर दबाव भी कम होगा. बैठक के समापन पर अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण सरकार की प्राथमिकता है और इसे मिशन मोड में आगे बढ़ाया जाएगा. उन्होंने सभी जिलों के अधिकारियों को समयबद्ध कार्रवाई करने, नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने और किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचने का सख्त निर्देश दिया.
