हाई कोर्ट ने CM हेमंत सोरेन को व्यक्तिगत पेशी से दी छूट

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के समन उल्लंघन मामले में रांची की विशेष MP/MLA कोर्ट में 6 दिसंबर को उपस्थित होने का आदेश मिला है। हालांकि, कोर्ट ने उनके बाद की व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट भी दी है, लेकिन अगर ट्रायल कोर्ट किसी विशेष कारण से उन्हें उपस्थित होने के लिए कहेगा तो उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या व्यक्तिगत उपस्थिति देनी होगी। यह मामला ED द्वारा 19 फरवरी 2024 को दर्ज शिकायत से जुड़ा है जिसमें हेमंत सोरेन पर आठ समन अवहेलना का आरोप है।कोर्ट ने पहले उनके लिए कुछ अंतरिम राहत दी थी, लेकिन 25 नवंबर को वह राहत रद्द कर दी गई और ट्रायल जारी रखने का निर्देश दिया गया है। हेमंत सोरेन की ओर से दायर की गई व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की याचिका भी ठुकरा दी गई थी, जिसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की गई थी, लेकिन अब कोर्ट ने एक बार उपस्थित होने को अनिवार्य कर दिया है और उसके बाद छूट दी है।झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने केस की मेरिट पर सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका को निष्पादित कर दिया है । दरअसल, तथाकथित जमीन घोटाला मामले में ईडी की ओर से सीएम को 10 बार समान जारी किया गया था लेकिन उन्होंने आठ समन को नजरअंदाज किया था । CJM कृष्णा कांत मिश्रा ने 4 मार्च 2024 को इस मामले को MP/MLA कोर्ट में सुनवाई के लिए भेजा था।हेमंत सोरेन ने व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के लिए अपील की थी, लेकिन 5 जुलाई को स्थानीय कोर्ट ने याचिका अस्वीकार कर दिया था। उच्च न्यायालय की प्रारंभिक अंतरिम राहत भी वापस ले ली गई थी। अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 6 दिसंबर 2025 को रांची की कोर्ट में पहली बार व्यक्तिगत रूप से पेश होंगे।इसके बाद उन पर व्यक्तिगत उपस्थिति की अनिवार्य शर्त में छूट दी गई है, पर कोर्ट की मांग पर वे डिजिटल माध्यम से भी उपस्थित हो सकते हैं।कोर्ट का उद्देश्य ट्रायल की गति बनाए रखना और कानूनी प्रक्रिया का सही पालन सुनिश्चित करना है।इस पूरी कार्रवाई का संबंध बड़गाईं जमीन घोटाले और धन शोधन जांच से है, जिसमें ED का आरोप है कि हेमंत सोरेन ने कई ED समन का पालन नहीं किया है.

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