रांची। झारखंड हाई कोर्ट में संथाल परगना में घुसपैठ के मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने संथाल के छह जिलों के उपायुक्त की उस रिपोर्ट पर हैरानी जतायी, जिसमें उन्होंने संथाल में घुसपैठ की बात से इनकार किया है। कोर्ट ने सभी डीसी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर एक भी घुसपैठ पाया गया तो संबंधित जिले के डीसी पर अवमानना का केस चलेगा। बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में याचिकाकर्ता सैयद दानियाल दानिश ने जनहित याचिका दाखिल की है, जिस पर हाई कोर्ट सुनवाई कर रही है। सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने हाई कोर्ट से मौखिक कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से संथाल परगना में ट्राइबल आबादी घटना गंभीर मामला है, केंद्र सरकार इस पर गहन अध्ययन कर रही है। केंद्र सरकार इस संवेदनशील विषय पर अपने सभी स्टेक होल्डर यथा आईबी, बीएसएफ आदि से विचार-विमर्श कर एक कंप्रिहेंसिव जवाब दाखिल करेगी। हाई कोर्ट की खंडपीठ ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर निर्धारित की है। सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से खंडपीठ से आग्रह किया गया कि इस मामले में आईबी को प्रतिवादी से हटाया जाए क्योंकि कई सीक्रेट चीज आईबी के पास होती है, जो सार्वजनिक नहीं की जा सकती है। आईबी से मिले कुछ डाटा को वह केंद्र सरकार के कंप्रिहेंसिव जवाब के रूप में दायर कर सकती है। जिस पर कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार को आवेदन दाखिल करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की खंडपीठ ने वर्चुअल रूप से हाई कोर्ट से जुड़े सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता से मौखिक कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों का झारखंड में प्रवेश अलार्मिंग स्थिति है, क्योंकि ये घुसपैठिए झारखंड के रास्ते देश के अन्य राज्यों में भी घुसकर वहां की आबादी को प्रभावित करेंगे। बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोकना होगा। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखा। वहीं केंद्र सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार ने पैरवी की। हाई कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में भारत सरकार के इंटेलिजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के डायरेक्टर जनरल, चीफ इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया, डायरेक्टर जनरल यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया, एनआईए को प्रतिवादी बनाया था, उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। लेकिन उनकी ओर से पिछले सुनवाई में जवाब दाखिल नहीं किया गया था जिस पर कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई थी। पिछली सुनवाई में संथाल के छह जिलों के डीसी ने अपने जवाब में गोड्डा, देवघर, दुमका, जामताड़ा, साहिबगंज और पाकुड़ में घुसपैठ से इनकार किया था। वहीं केंद्र सरकार ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था।