पानी बांटने वाले युवक ने युवती का किया अपहरण, पांच महीने तक किया शारीरिक शोषण

रामगढ : रामगढ़ शहर के सौदागर मोहल्ला में टेंपो से पानी बांटने वाले एक युवक ने एक युवती का अपहरण किया। पांच महीने तक अपहरण के दौरान ही उसने उस युवती का शारीरिक शोषण भी किया। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पीड़िता कुमारी (नाम बदला हुआ) अपहरणकर्ता के चंगुल से भाग कर 26 नवंबर को रामगढ़ पहुंची। जैसे ही रामगढ़ पुलिस को इस वारदात की सूचना मिली पुलिस ने आरोपी सत्यम कुमार उर्फ शुभम ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार को सत्यम कुमार को जेल भेज दिया गया है।

इस मामले में पीड़िता के बयान पर रामगढ़ थाने में केस दर्ज किया गया है। उसपर भारतीय न्याय संहिता की धारा 87 के तहत कार्रवाई की जा रही है। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि मई महीने में उसके मोबाइल पर एक रॉन्ग नंबर आया, जिससे बातचीत शुरू हो गई। बाद में सत्यम और पीड़िता के बीच दोस्ती बढ़ गई।

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि सत्यम उर्फ शुभम कुजू ओपी क्षेत्र के सीएन कॉलेज, सांडी का रहने वाला है। दोनों के बीच दोस्ती बढ़ी तो वह लोग वीडियो कॉल पर भी बात करने लगे। बाद में वे लोग घूमने भी जाया करते थे। इस दौरान शुभम ने पीड़िता की कुछ तस्वीरें भी अपने मोबाइल में ली थी। पीड़िता को जब पता चला कि शुभम शादी शुदा है तो उसने उससे बातचीत बंद कर दी। शुभम ने उसकी फोटो वायरल करने की धमकी दी, तो इस डर से उन दोनों के बीच बातचीत फिर शुरू हुई।

25 जून को पीड़िता जब घर से निकली तो शुभम ने उसे हजारीबाग चलने के लिए कहा। जैसे ही वह कार में बैठी उसे कोल्ड ड्रिंक पिलाया गया, जिसके बाद वह बेहोश हो गई। जब उसकी आंख खुली तो उसने खुद को ट्रेन में पाया। उसके पास ना तो मोबाइल था, ना ही कोई और सामान। शुभम उसे पटना के होटल में ले गया और उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाया। उसने उसे कई दिनों तक वहां कैद करके रखा। इसके बाद शुभम उसे आरा ले गया। वहां भी उसे कैद करके ही रखा गया। आरा से फिर उसे पटना लेकर आया और वहां से फिर वह दिल्ली लेकर चला गया। दिल्ली में उसने अपने दोस्त के घर में चार दिनों तक रखा। उसके बाद वह उसे हजारीबाग ले आया और सिंदूर चौक पर किराए के कमरे में उसे बंद करके रखता था। नशे में धुत होकर शुभम उसके साथ मारपीट करता था । साथ ही उसका लगातार शारीरिक शोषण किया जा रहा था। 26 नवंबर को सुबह जैसे ही पीड़िता को मौका मिला वह वहां से भाग निकली। वह हजारीबाग बस स्टैंड पहुंची और वहीं से अपने घर वालों को फोन किया। रामगढ़ पहुंचते ही उसने पहले खुद को संभाला और फिर 27 नवंबर को थाने पहुंची।

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